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तेहरान-वाशिंगटन के तनाव के बीच जापानी प्रधानमंत्री की नई पेशकश, पहले भी कर चुके हैं मध्‍यस्‍थतता

मध्‍य पूर्व में जिस तरह से तनाव बढ़ा है उससे मैं गहराई से चिंतित हूं। ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्‍या के बाद जापानी प्रधानमंत्री का यह पहला बयान आया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 06 Jan 2020 03:02 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jan 2020 03:02 PM (IST)
तेहरान-वाशिंगटन के तनाव के बीच जापानी प्रधानमंत्री की नई पेशकश, पहले भी कर चुके हैं मध्‍यस्‍थतता

टोक्‍यो, एजेंसी । जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने ईरान और अमेरिका के बीच उपजे तनाव पर चिंता जाहिर की है। जापनी प्रधानमंत्री ने वाशिंगटन और तेहरान के बीच मध्‍यस्‍थता की पेशकश की है। उन्‍होंने कहा कि मध्‍य पूर्व में जिस तरह से तनाव बढ़ा है उससे मैं गहराई से चिंतित हूं। ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्‍या के बाद जापानी प्रधानमंत्री का यह पहला बयान आया है।

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गत वर्ष जून में परमाणु कार्यक्रम को लेकर जब तेहरान और वाशिंगटन के बीच टकराव बढ़ा और ईरान ने परमाणु समझौते से हटने का फैसला लिया, तब जापान के प्रधानमंत्री आबे ने ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ वार्ता के लिए वहां का दौरा किया। उनकी इस भूमिका को देखते हुए यह कयास लगाया जा रहा है कि इस बार भी दोनों देशों के बीच उपजे तनाव में भी उनकी भूमिका अहम हो सकती है। ईरान की 1979 की इस्लामिक क्रांति और उसके परमाणु कार्यक्रम को लेकर जब ईरान और यूरोपीय देशों के बीच तनाव चरम था उस दौरान भी जापान और ईरान के बीच बेहतर कूटनीतिक संबंध थे।

गौरतलब है कि अमेरिका ने शुक्रवार को बगदाद के एयरपोर्ट पर ड्रोन से हमला करके ईरान के शीर्ष कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को मौत के घाट उतार दिया। हमले में सुलेमानी के सलाहकार एवं इराकी मिलिशिया कताइब हिजबुल्ला के कमांडर अबू महदी अल-मुहंदिस की भी मौत हो गई। मालूम हो कि अमेरिका ने सुलेमानी को आतंकी घोषित कर रखा था। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्डस की कुद्स फोर्स के प्रमुख सुलेमानी ने पश्चिम एशिया में ईरान का सैन्य प्रभाव बढ़ाने में मुख्‍य भूमिका निभाई थी।

शीर्ष कमांडर की मौत से बौखलाए ईरान ने बदला लेने और अमेरिका को मुंहतोड़ जवाब देने का एलान किया है। वहीं सुलेमानी की मौत से पैदा हुए तनाव को देखते हुए अमेरिका ने पश्चिम एशिया में और साढ़े तीन हजार अतिरिक्त सैनिकों को भेजने का फैसला किया है। हालांकि, पेंटागन से अभी आधिकारि‍क घोषणा होनी बाकी है। ये सैनिक 82वीं एयरबोर्न डिवीजन के उन 700 सैनिकों के अतिरिक्त होंगे जिन्हें इस हफ्ते की शुरुआत में कुवैत में तैनात किया गया था। इनकी तैनाती बगदाग में अमेरिकी दूतावास पर हमले के बाद की गई है।

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