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रूस के साथ शांति संधि की दिशा में कदम बढ़ाएंगे शिंजो एबी, जानिए क्या है कारण

द्वितीय विश्वयुद्ध के अंत में सोवियत संघ ने जापान के नियंत्रण वाले चार द्वीपों पर कब्जा जमा लिया था।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Fri, 04 Jan 2019 04:33 PM (IST)Updated: Fri, 04 Jan 2019 04:34 PM (IST)
रूस के साथ शांति संधि की दिशा में कदम बढ़ाएंगे शिंजो एबी, जानिए क्या है कारण
रूस के साथ शांति संधि की दिशा में कदम बढ़ाएंगे शिंजो एबी, जानिए क्या है कारण

टोक्यो, रायटर। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी रूस के साथ शांति संधि करने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं। एबी ने शुक्रवार को यहां कहा कि शांति समझौते पर चर्चा के लिए वह इस महीने रूस जाएंगे। पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित विवादित द्वीपों पर समझौते को लेकर एबी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच यह 25वीं बैठक होगी।

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द्वितीय विश्वयुद्ध के अंत में सोवियत संघ ने जापान के नियंत्रण वाले चार द्वीपों पर कब्जा जमा लिया था। दोनों देश उन पर अपनी संप्रभुता का दावा करते हैं। इस विवाद के कारण द्वितीय विश्वयुद्ध खत्म होने के बाद भी दोनों देशों के बीच शांति संधि नहीं हो पाई है। एबी का कहना है कि पिछले 70 सालों से यह मामला जस का तस बना है। अब वह इस सुलझाने के लिए प्रयास करना चाहते हैं। पिछले साल सितंबर में हुए ईस्टर्न इकोनॉमिक सम्मेलन के दौरान पुतिन ने बिना किसी शर्त के शांति समझौता करने की बात कही थी। एबी ने इस प्रस्ताव को यह कहकर खारिज कर दिया था कि पहले द्वीपों पर संप्रभुता का मसला हल होना चाहिए।

चीन का सामना करने के लिए रूस भी हो सकता है संधि पर राजी
कई विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का सामना करने के लिए पुतिन जापान के साथ समझौते पर राजी हो सकते हैं। जबकि कुछ का कहना है कि रूस की जनता जापान को एक भी द्वीप लौटाने के पक्ष में नहीं है ऐसे में शांति समझौता फिर लटक सकता है।


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