चीन की हरकतों से चिंतित जापान व ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा साझेदारी को और मजबूत बनाने पर जताई सहमति
जापान और ऑस्ट्रेलिया ने चीन की बढ़ती आक्रामकता पर चिंता जताते हुए उस पर कड़ी आपत्ति जताई है। कहा है कि चीन गैरजरूरी ताकत का प्रदर्शन करते हुए क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने वाला व्यवहार कर रहा है।
टोक्यो, एपी। जापान और ऑस्ट्रेलिया ने चीन की बढ़ती आक्रामकता पर चिंता जताते हुए उस पर कड़ी आपत्ति जताई है। कहा है कि चीन गैरजरूरी ताकत का प्रदर्शन करते हुए क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने वाला व्यवहार कर रहा है। दोनों देशों अपनी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने का भी फैसला किया। उल्लेखनीय है कि दोनों देशों की सीमाएं चीन से लगती हैं। दोनों ही देश चीन के खिलाफ बने रणनीतिक गठबंधन क्वाड का हिस्सा हैं जिसमें भारत और अमेरिका भी हैं।
जापान और ऑस्ट्रेलिया ने रक्षा समझौता और मजबूत बनाने पर जताई सहमति
जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने ऑनलाइन वार्ता में आपसी रक्षा समझौता और मजबूत बनाने पर सहमति जताई। रक्षा समझौते में यह मजबूती एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन की विस्तारवादी नीति के मद्देनजर होगी जिसके तहत वह नए-नए इलाकों पर अपना दावा कर रहा है और उन कब्जे की साजिश रच रहा है।
मोटेगी ने कहा- जापान और ऑस्ट्रेलिया ने पूर्व और दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे पर जताई चिंता
वार्ता के बाद जापान के विदेश मंत्री तोशीमित्सु मोटेगी ने संवाददाताओं से कहा, दोनों देशों ने वार्ता में पूर्व और दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे और उसकी हरकतों पर चिंता जताई है। चीन की हरकत पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चुनौती है।
पूर्व चीन सागर को लेकर जापान और चीन में तनातनी
जापान के सेंकाकू द्वीप और उसके आसपास के समुद्री क्षेत्र को पूर्व चीन सागर बताते हुए चीन पिछले कई वर्षो से उस पर अपना दावा कर रहा है। वहां अपनी नौसेना के जहाज भेजता है और वहां के आकाश में लड़ाकू विमान उड़ाता है। इसको लेकर चीन और जापान के बीच कई बार तनातनी हो चुकी है। इस समुद्री इलाके में मछली पकड़ने और अन्य प्राकृतिक संसाधनों को लेकर भी दोनों देशों के बीच खींचतान चलती रहती है।
जापान और ऑस्ट्रेलिया ने पूर्व चीन सागर में चीन की हरकतों का किया विरोध
जापान और ऑस्ट्रेलिया ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि वे पूर्व चीन सागर में यथास्थिति को बदलने और वहां पर तनाव पैदा करने वाली किसी भी हरकत का विरोध करते हैं। विदित हो कि दक्षिण चीन सागर में चीन का अपने सभी छोटे पड़ोसी देशों से विवाद चल रहा है। चीन इस सागर के ज्यादातर हिस्से को अपना बताते हुए छोटे देशों के दावे को खारिज करता है।
गतिविधि का दायरा बढ़ा रही चीन की नौसेना
चीन की नौसेना अपनी गतिविधियों का दायरा बढ़ा रही है। इसके लिए वह अपने पड़ोसियों की जलसीमा की भी परवाह नहीं कर रही। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की सदर्न थिएटर कमांड ने हाल ही में कहा, कमांड के अंतर्गत उसकी नौसेना की फ्लीट ने मई महीने में 6,700 नॉटिकल मील का सफर किया। इस सफर में वह इंडोनेशिया, फिलीपींस होते हुए पश्चिमी प्रशांत महासागर क्षेत्र में घूमी। इस दौरान नौसेना ने अपनी हर तरह की क्षमता का परीक्षण किया।