डिजिटल टैक्स बढ़ाने पर जी-20 सहमत, टैक्स बढ़ाने के तरीकों पर नहीं बनी एक राय
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के दौरान टैक्स चोरी रोकने के लिए सरकार द्वारा अब तक किए गए और किए जा रहे प्रयासों को मजबूती से समूह के समक्ष रखा।
फुकुओका, एपी। जी-20 समूह के सदस्यों ने इंटरनेट दिग्गजों पर डिजिटल टैक्स बढ़ाने पर सहमति जताई है। जापान के फुकुओका में शनिवार को शुरू हुए दो दिवसीय सम्मेलन में ग्रुप के सभी सदस्य इस बात पर एकमत थे कि गूगल और फेसबुक जैसी दिग्गज इंटरनेट कंपनियों पर डिजिटल टैक्स लगाने के लिए एक ग्लोबल सिस्टम तैयार किया जाए। हालांकि इसके तरीकों पर सदस्यों में आम सहमति नहीं बन पाई।
जी-20 का मानना है कि दिग्गज इंटरनेट कंपनियां आयरलैंड जैसे देशों में बेहद कम टैक्स के नियमों का फायदा उठाती हैं और जिन देशों में बहुत ज्यादा कमाई करती हैं, उन्हें नहीं के बराबर टैक्स देती हैं। इसलिए समूह ने इन कंपनियों के डिजिटल टैक्स में एकरूपता लाने के लिए एक तंत्र बनाने की जिम्मेदारी आर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (ओईसीडी) को दे रखी है।
बैठक में ओईसीडी के प्रमुख एंजल गूरिया जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के समक्ष एक रोडमैप रखने वाले हैं। इस रोडमैप का मकसद अगले वर्ष तक इस बारे में लंबी अवधि का एक समाधान खोज लेना है। इस रोडमैप को 129 देशों ने सहमति दे दी है। 19 देशों और यूरोपीय यूनियन के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के प्रमुखों के इस समूह में डिजिटल टैक्स के मामले में अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस से अलग अपनी राय रखी।
इस सम्मेलन में अमेरिका के वित्त मंत्री स्टीवन म्यूचिन ने कहा कि डिजिटल टैक्स पर सभी सदस्य देश एकमत हैं। अब हमें यह तय करना है कि इसका क्रियान्वयन किस तरह हो। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो रविवार को एशिया-प्रशांत में अमेरिका और भारत को लेकर एक भाषण देंगे।
म्यूचिन ने कहा कि ट्रेड वार को लेकर चीन से वार्तालाप के लिए अमेरिका तैयार है, लेकिन उन्होंने चेताया कि अगर कोई डील नहीं हो पाई, तो अमेरिका शुल्क बढ़ाने पर विचार करेगा।
वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के प्रमुखों की इस बैठक के नतीजों पर 28-29 जून को बैठक के दौरान सदस्य देशों का शीर्ष नेतृत्व चर्चा करेगा।
सीतारमण ने मजबूती से रखा पक्ष
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक के दौरान टैक्स चोरी रोकने के लिए सरकार द्वारा अब तक किए गए और किए जा रहे प्रयासों को मजबूती से समूह के समक्ष रखा। सीतारमण ने 'ग्लोबली फेयर, सस्टेनेबल एंड मॉडर्न इंटरनेशनल टैक्सेशन सिस्टम' पर भारत का पक्ष रखा।
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