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Earthquake in Japan: टोक्यो और आसपास के इलाके में महसूस हुए झटके, 5.6 दर्ज की गई तीव्रता

जापान में आज तड़के भूकंप के झटके महसूस होने की खबर है। जापान की राजधानी टोक्यो और उसके आसपास इलाके में हल्के झटके महसूस किए गए।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 07:52 AM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 07:52 AM (IST)
Earthquake in Japan: टोक्यो और आसपास के इलाके में महसूस हुए झटके, 5.6 दर्ज की गई तीव्रता
Earthquake in Japan: टोक्यो और आसपास के इलाके में महसूस हुए झटके, 5.6 दर्ज की गई तीव्रता

टोक्यो, एएनआइ।  जापान में आज तड़के भूकंप के झटके महसूस होने की खबर है। जापान की राजधानी टोक्यो और उसके आसपास इलाके में हल्के झटके महसूस किए गए। जानकारी के अनुसार भूकंप का केंद्र टोक्यो से 85 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व में था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.6 दर्ज की गई। 

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इससे पहले 18 अप्रैल को जापान के ओगासावारा द्वीप समूह के पश्चिमी तट पर रिक्‍टर पैमाने पर 6.9 की तीव्रता का भूकंप आया था। भूकंप का केद्र धरती के भीतर करीब 490 किलोमीटर अंदर था।

नेपाल और पेरू में भूकंप के झटके

रविवार को 20 मिनट के अंतराल में नेपाल में दो मध्यम तीव्रता के भूकंप आए, हालांकि, किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं मिली। भूकंप के झटकों को काठमांडू घाटी और उसके आसपास के लोगों ने महसूस किया। शनिवार को रात 9.36 बजे, काठमांडू से 75 किमी पश्चिम में, धडिंग में 4.8 तीव्रता का पहला झटका महसूस किया गया। 3.2 तीव्रता का दूसरा भूकंप कुछ देर बाद रात को 9.52 बजे दर्ज किया गया । झटके ने 2015 के भूकंप की यादें वापस ला दीं, जिसने हिमालयी राष्ट्र में 9,000 लोगों की जान ले ली थी। वहीं रविवार को  पेरू के लांपा से 144 किलोमीटर पश्चिम में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। यूरोपियन मेडिटेरियन सिसमोलॉजिकल सेंटर (EMSC) ने इसकी जानकारी दी।

क्यों आता है भूकंप

गौरतलब है कि धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, इनर कोर, आउटर कोर, मेटल और क्रस्ट से बनी है।  इसमें से भूकंप का लेना देना सिर्फ ऊपरी परत क्रस्ट से है। क्रस्ट में दर्जनों प्लेट्स होती हैं, जो आपस में जुड़ी होती हैं। ये प्लेट्स अंदर हिलती डुलती रहती हैं। थोड़ा बहुत हिलने पर कुछ पता नहीं चलता, लेकिन  ज्यादा हिलने पर ऊपर तक असर पता चलता है। इसे ही भूकंप कहते हैं। प्लेट्स जहां जुड़ी होती हैं, वहां टकराव ज्यादा होता है और उन्हीं इलाकों में भूकंप ज्यादा आते हैं।


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