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चीन ने सीमा विवाद पर जापान को उकसा कर अमेरिका को ललकारा, जानिए- इसका बड़ा फैक्‍टर

चीन अपने सीमा विवाद को ऐसे समय हवा दे रहा है जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी के खिलाफ महाजंग लड़ रही है। यह चीन की किसी सोची समझी रणनीति का हिस्‍सा है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 07:56 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 12:51 PM (IST)
चीन ने सीमा विवाद पर जापान को उकसा कर अमेरिका को ललकारा, जानिए- इसका बड़ा फैक्‍टर
चीन ने सीमा विवाद पर जापान को उकसा कर अमेरिका को ललकारा, जानिए- इसका बड़ा फैक्‍टर

हांगकांग, एजेंसी। चीन और जापान के बीच शुरू हुआ सीमा विवाद एशिया में एक नए राजनीतिक संकट को जन्‍म दे सकता है। दोनों देशों के बीच यह विवाद पूर्वी चीन सागर के सेनकाकुश द्वीपों की श्रृंखला पर पनप रहा है। भारत के साथ पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी में दोनों पक्षों की ओर से खूनी संघर्ष के बाद चीन ने जापान की ओर रुख किया है। चीन अपने सीमा विवाद को ऐसे समय हवा दे रहा है जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी के खिलाफ महाजंग लड़ रही है। यह चीन की किसी सोची समझी रणनीति का हिस्‍सा है। इसमें कोई शक नहीं कि अगर चीन और जापान के बीच ये तनाव टकराव की ओर बढ़ा तो अमेरिका को इसमें कूदना ही होगा। अगर ऐसा हुआ तो एक यह एक महायुद्ध का उद्घोष होगा। 

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चीन और जापान के बीच अमेरिकी फैक्‍टर, ड्रैगन ने दी चुनौती 

चीन ने जापान के इस द्वीप पर हलचल उत्‍पन्‍न करके न केवल जापान को उकासाया है, बल्कि उसने एक तरह से अमेरिका को भी आमंत्रित किया है। दरअसल, जापान और अमेरिका के बीच एक रक्षा संधि है। इस संधि के तहत यदि जापान पर कोई विदेशी शक्ति हमला करती है, तो वाशिंगटन टोक्‍यो की रक्षा करेगा। इस संधि के तहत अमेरिका, जापान की रक्षा के लिए बाध्‍य है। यदि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता है और सैन्‍य टकराव की नौबत उत्‍पन्‍न होती है तो जाहिर है कि अमेरिका को आगे आना होगा। ऐसा नहीं कि चीन इस संधि से वाकिफ नहीं है। उसने जानबूझ कर नए सीरे से इस द्वीप पर विवाद उत्‍पन्‍न करके अप्रत्‍यक्ष रूप से अमेरिका को ललकारा है।

कोरोना महामारी के बाद से सीमा विवाद को लेकर चीन सक्रिय 

कोरोना महामारी के बाद से चीन ने सीमा विवाद को उकसाना शुरू कर दिया है। पिछले हफ्ते जापानी तटरक्षकों ने दावा किया था कि चीनी सरकारी जहाजों को सेनकाकुश/दियाओयू द्वीप के करीब देखा गया है, इसके बाद क्षेत्र में दोनों देशों के बीच संभावित टकराव की आशंका बढ़ गई है। इसके पूर्व अप्रैल के मध्‍य में जापान ने सेनकाकुश द्वीप पर चीनी सेना के जहाजों को देखा था, यदि जापान उस वक्‍त कार्रवाई करता तो टकराव बढ़ सकता था। इससे युद्ध की नौबत उत्‍पन्‍न हो सकती थी। अगर दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति होती तो अमेरिका को मजबूरन हस्‍तक्षेप करना पड़ता। हाल में भारत के पूर्वी लद्दाख में चीन ने भारतीय सेना के साथ अनायास झड़प की है। इसके पीछे चीन की कोई सोची समझी रणनीति है। 

सामरिक और व्‍यापारिक लिहाज से खासा महत्‍व रखता द्वीप 

सेनकाकुश द्वीप ईस्‍ट चाइना सी पर स्थित है। भौगोलिक रूप से यह ताइवान के निकट है। ईस्‍ट चाइना सी प्रशांत महासागर का एक हिस्‍सा है। चीन के पूरब में होने के कारण इसका नाम यह ईस्‍ट चीन सी पड़ा। सेनकाकुश द्वीप पर कोई आबादी नहीं रहती। यह निर्जन स्‍थान है। लेकिन सामरिक और व्‍यापारिक लिहाज से खासा महत्‍व रखता है। इसी लिए चीन की इस पर नजर है। ऐसा दावा किया जाता है कि यहां कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का अपार भंडार हैं। माना जाता है कि पूरे पूर्वी चाइना सी में कच्चे तेल और गैस का जितना भंडार है, उसका अधिकतर हिस्सा ओकिनावा के आसपास के हिस्से में ही है। यह इलाका प्रशांत महासागर के व्‍यस्‍त शिपिंग रूट पर पड़ता है। इसके अलावा यह दुनिया का मछली संपन्‍न इलाका है। इस इलाके में खुब मछलियां एकत्र होती हैं।  


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