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गेम ऑफ डेथ की कर रहे थे तैयारी, गर्लफ्रेंड ने दी दवा, उसके बाद हमेशा के लिए सो गया हीरो

Bruce Lee- मार्शल आर्ट की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले ब्रुस ली की आज ही के दिन मौत हो गई थी। उनकी मौत आज भी एक रहस्य ही है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 02:50 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 03:12 PM (IST)
गेम ऑफ डेथ की कर रहे थे तैयारी, गर्लफ्रेंड ने दी दवा, उसके बाद हमेशा के लिए सो गया हीरो
गेम ऑफ डेथ की कर रहे थे तैयारी, गर्लफ्रेंड ने दी दवा, उसके बाद हमेशा के लिए सो गया हीरो

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। जब-जब मार्शल आर्ट की बात होगी तब-तब ब्रुस ली को जरुर याद किया जाएगा, ब्रुस ली ने अपने शरीर और मार्शल आर्ट की बदौलत एक अलग पहचान बनाई। उन्होंने ही हॉलीवुड की फिल्मों में मार्शल आर्ट की बदौलत लोकप्रियता हासिल की और इस खेल को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। उन्हीं की वजह से मार्शल आर्ट के प्रति युवाओं में दिलचस्पी पैदा हुई और वो इस खेल के लिए गंभीर हुए। उनको भी लगा कि वो इसकी वजह से अपनी एक नई पहचान बना सकते हैं। उनकी फिल्मों में मार्शल आर्ट का एक्शन और लहजे की वजह से इस कला ने हांगकांग के साथ-साथ दुनिया में मार्शल आर्ट को फिल्मों में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। ब्रुस ली को मुख्य रूप से पांच फिल्मों में अपने बेहतरीन अभिनय के लिए जाने जाते रहेंगे।

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ब्रुस ली का जन्म
ब्रुस ली का जन्म 27 नवंबर, 1940 को हुआ था। उनकी मौत आज ही के दिन 20 जुलाई, 1973 को हुई थी। उनका जन्म सैन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया में हुआ था। वो किशोर उम्र के कुछ समय पहले तक हांगकांग में पले-बढ़े. उनकी हांगकांग और हॉलीवुड निर्मित फ़िल्मों ने, परंपरागत हांगकांग मार्शल आर्ट फ़िल्मों को लोकप्रियता और ख्याति के एक नए स्तर पर पहुंचा दिया और पश्चिम में चीनी मार्शल आर्ट के प्रति दिलचस्पी की दूसरी प्रमुख लहर छेड़ दी। वो कई कलाओं के माहिर थे। वो एक अभिनेता, मार्शल कलाकार, दार्शनिक, फ़िल्म निर्देशक, पटकथा लेखक, मार्शल आर्ट की विधा विंग चुन के अभ्यासकर्ता थे। इसके अलावा उन्होंने जीत कुन डो नामक खेल की खोज की थी जिसकी वजह से उनको इस खेल का संस्थापक कहा जाता है। कई लोग उन्हें 20वीं सदी के सबसे प्रभावशाली मार्शल कलाकार मानते हैं। वे अभिनेता ब्रैनडन ली और अभिनेत्री शैनन ली के पिता भी थे। उनका छोटा भाई रॉबर्ट एक संगीतकार और द थंडरबर्ड्स नामक हांगकांग के एक लोकप्रिय बीट बैंड का सदस्य था।

ब्रुस ली की प्रमुख फिल्में
वैसे तो ब्रुस ली की सारी ही फिल्में शानदार थीं। उन्होंने महज 18 साल की उम्र में 20 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। ब्रुस ली का एक शॉट फिल्म 'The big boss' से हटा लिया गया था, इस फिल्म में ब्रुस ली ने अपने एक दुश्मन का सर बीच में से काट दिया था। ब्रुस ली ने सिर्फ 7 हॉलीवुड फिल्में की थी जिनमें से तीन उनके मरने के बाद ही रिलीज हुई फिर भी हॉलीवुड हॉल ऑफ फेम में उनकी फोटो शामिल है।

लो वाई की द बिग बॉस (1971)

फ़िस्ट ऑफ़ फ़्यूरी (1972)

ब्रुस ली द्वारा निर्देशित और लिखित वे ऑफ़ द ड्रैगन (1972)

वार्नर ब्रदर्स की एंटर द ड्रैगन (1973)

रॉबर्ट क्लाउस द्वारा निर्देशित और द गेम ऑफ़ डेथ (1978) 

मजबूत इंसान, गजब की फुर्ती 
ब्रुस ली 5 फीट 8 इंच लंबे थे और उनका वजन 64 किलो था। मार्शल आर्टिस्ट ब्रुस ली की आर्थिक परिस्थितियां अच्छी नहीं थी, इस वजह से जब उन्होंने वाशिंगटन विश्वविद्यालय में दाखिला लिया उसके बाद उन्होंने बिलों का भुगतान करने के लिए कुंग फू सिखाना शुरू किया। उनकी तेजी का उस वक्त अंदाजा लगाया गया जब 1962 में ब्रूस ली ने अपनी एक फाइट के दौरान अपने विपक्षी पर एक के बाद एक ताबड़तोड़ 15 पंच और एक किक जड़ दिए।

उनके इस कारनामे को देखने के लिए जब समय देखा गया तो मात्र 11 सेकेंड ही हुए थे। उन्होंने मात्र 11 सेकेंड में ही ताबड़तोड़ इतने पंच और किक जड़ दिए थे। उनकी किकों की रफ्तार इतनी तेज होती थी कि एक फिल्म की शूटिंग के दौरान शूट को धीरे करना पड़ता था ताकि दर्शकों को ये महसूस ना हो कि वह नकली एक्टिंग कर रहे हैं क्योंकि एक आम इंसान के लिए इतनी तेजी में लात/किक मारना मुमकिन नहीं था जबकि वो उससे भी अधिक तेजी से किक मारते थे।

एक और खास बात ये थी कि ब्रूस ली गामा पहलवान के बहुत बड़े फैन थे, ऐसे ही वो बॉक्सर मोहम्मद अली के भी फैन थे, उनका सपना इन दोनों से एक बार फाइट करने का था जो पूरा न हो सका। ब्रुस ली की ताकत और फुर्ती उनकी मौत के 4 दशक बाद आज भी रहस्य है, उन्हें महान फाइटर सिर्फ उनकी शारीरिक क्षमताओं के चलते नहीं माना जाता है। उन्होंने मार्शल आर्ट के मूल ढांचे में कुछ ऐसे बदलाव किए जिनकी नींव पर आज के एथलीट्स, हॉलीवुड स्टार्स और मार्शल आर्टिस्ट्स के फिटनेस शेड्यूल तय होते हैं। ब्रूस एक नॉन-क्लासिकल मार्शल आर्टिस्ट थे। जिसका मतलब है वो किसी परम्परागत कुंग-फू स्कूल को फॉलो नहीं करते थे। ब्रूस ने कुंग-फू की जगह विंग चुन को अपनी आर्ट का आधार बनाया। साल 1959 में उन्होंने जो मार्शल आर्ट का स्कूल खोला उसमें वो ‘जन फैन गंग फू’ (ब्रूस ली का कुंग-फू) सिखाते थे। ब्रूस ने मार्शल आर्ट सीखने वालों को फिटनेस और सही डाइट पर ध्यान देने पर ज़ोर दिया। 

बदमाशों से लड़ने के लिए सीखी थी मार्शल आर्ट
बताया जाता है कि ब्रूस ली ने बदमाशों से लड़ने के लिए मार्शल आर्ट सीखना शुरू किया था, उसके बाद उन्होंने मार्शल आर्ट को ही अपना सब कुछ बना लिया। इसी आर्ट की बदौलत उन्होंने बुलंदियों को छुआ, एक बार जब वो मार्शल आर्ट की बदौलत मशहूर होना शुरू हुए तो वो ही उनकी पहचान बन गई। वो एक अच्छे डांसर के तौर पर भी जाने जाते हैं कुछ लोग उनको चा-चा डांसर भी कहते थे। अपने डांस की बदौलत ही ब्रुस ली ने 1958 में हांग-कांग का चा-चा डांस कंपीटिशन भी जीता था। ब्रुस ली इतने फारवर्ड थे कि वो 3 फुट से हमला करने में 0.05 सेकेंड लगते थे। वो मात्र 2 उंगलियों से पुश-अप कर लिया करते थे। शरीर से अधिक पसीना न बहे और उनको परेशानी न हो इसको ध्यान में रखते हुए ब्रूस ली ने सर्जरी से अपनी पसीना बनाने वाली ग्रंथि को ही निकालवा दिया था।

कोका कोला की कैन में कर देते थे उंगली में छेद

वैसे आम आदमी के लिए इस तरह का कारनामा करना नामुमकिन होता है। मगर ब्रुस ली की उंगलियां इतनी सख्त थी कि वो अपनी उंगलियों से ऐसी कोका कोला की कैन में छेद कर दिया करते थे। वैसे आज के समय की कैन उस समय के कैन से कहीं अधिक मजबूत हुआ करती थी। आज की कैन उन दिनों की कैन के मुकाबले कहीं अधिक मजबूत हुआ करती थी। कैन मोटी परत से बने होते थे।

एक मैच में सीफू को भी हराया था

ब्रुस ली मानते थे कि शरीर की मशीन से बेस्ट प्रदर्शन करवाने के लिए उसमें सही ईंधन डालना बहुत जरूरी है, यदि हम सही चीजें खाते हैं तो हमारा शरीर उसी हिसाब से काम करता है। यदि हम जंक फूड और अन्य तरह की गलत डाइट लेते हैं तो हमारा शरीर धीमा हो जाता है और उसमें फुर्ती खत्म हो जाती है। अपनी इसी थ्योरी की बदौलत ब्रुस ने शरीर को ऐसा बना रखा था। अपनी इन नई तकनीकों के दम पर ही ब्रूस ने एक बेहद मुश्किल मैच में सिफू वांग जैकमैन को भी हराया। सिफू कुंग-फू की दुनिया में उन मास्टर्स को कहा जाता है जो कभी हार नहीं सकते हैं मगर ब्रुस ने अपनी क्षमता के बदौलत उनको भी हरा दिया था।

कैसे हुई थी 20 जुलाई 1973 को मौत

जानकारी के अनुसार ब्रुस ली की मौत सिरदर्द की गोली खाने से हुई, इस गोली ने उनके शरीर में रिएक्सन कर दिया था जिससे उनके दिमाग में समस्या हुई और उनकी मौत हो गई। ब्रूस ली केवल 32 वर्ष की उम्र तक ही हमारे बीच रह सके। वर्ष 1973 में दर्दनाशक “इक्वेजिक” की एलर्जी प्रतिक्रिया से उनकी मृत्य हो गयी थी। ब्रूस के जीवन का सबसे दुखद पहलू उनकी मौत है, अजेय समझे जाने वाले सुपर स्टार की अचानक हुई मौत ने कई अफवाहों को हवा भी दी थी। किसी ने कहा कि ब्रूस की मौत एक श्राप के चलते हुई, वहीं एक बड़ा तबका मानता है कि गुप्त चीनी संस्था ‘ट्रिआड’ने अनजान कारणों के चलते ब्रूस की हत्या करवाई मगर अफवाहों से इतर ब्रूस की मौत की आधिकारिक वजह बहुत दर्दनाक है। उनको काफी समय से सरदर्द की शिकायत रहती थी।

डॉक्टरों ने जांच में बताया कि वे सेरेब्रल इडेमा नामक बीमारी से पीड़ित थे, सेरेब्रल इडेमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसान के दिमाग में सूजन आ जाती है और इसके चलते पीड़ित को सांस लेने में दिक्कत होती है और अचानक बेहोश हो जाने की समस्या भी उसे होती हैं। ब्रूस इस बीमारी के चलते अपनी फ़िल्मों के सेट पर बेहोश भी हुए थे। 20 जुलाई 1973 को ली ने हांग कांग में दोपहर 4 बजे अपनी फ़िल्म गेम ऑफ डेथ की तैयारी के सिलसिले में प्रोड्यूसर रेमंड चो से मुलाकात की, शाम को उन्हें इसी बीमारी के चलते तेज सरदर्द हुआ। इसी दौरान उनकी दोस्त बेट्टी तिंग पेई ने उन्हें इस दर्द के लिए एक एनालजेसिक दवा दे दी, वो एस्प्रिन और मेप्रोबामेट नाम की दो दवाओं का कॉम्बिनेशन थी, इसी दवा के बाद वो कभी उठ नहीं सके।

बताया गया कि जब वो सर दर्द की दवा लेकर सो गए तो रात में भी काफी देर तक नहीं उठे। जब रात के समय वो डिनर के लिए नहीं उठे तो डॉक्टर को बुलाया गया, डॉक्टर ने 10 मिनट तक उन्हें होश में लाने की कोशिश की मगर वो नाकामयाब रहे। फिर उन्हें क्वीन एलिज़ाबेथ हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उसके बाद उनका पोस्टमार्टम कराया गया जिसमें ये रिपोर्ट आई कि एस्प्रिन और मेप्रोबामेट ने रिएक्शन किया जिससे उनके दिमाग का साइज़ 13 परसेंट तक बढ़ गया जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई।


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