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South China Sea: चीन से विवाद के बीच इंडोनेशिया ने द्वीप पर तैनात किए युद्धपोत

राष्ट्रपति विडोडो के पहुंचने से पहले क्षेत्र की सुरक्षा के मद्देनजर इंडोनेशिया की सेना ने इस द्वीप पर कई युद्धपोत और लड़ाकू विमान तैनात कर दिए।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 07:19 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 07:26 PM (IST)
South China Sea: चीन से विवाद के बीच इंडोनेशिया ने द्वीप पर तैनात किए युद्धपोत
South China Sea: चीन से विवाद के बीच इंडोनेशिया ने द्वीप पर तैनात किए युद्धपोत

जकार्ता, रायटर। दक्षिण चीन सागर के एक द्वीप पर अपना अधिकार जताने के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो बुधवार को नतुना द्वीपसमूह पहुंचे। राष्ट्रपति विडोडो के पहुंचने से पहले क्षेत्र की सुरक्षा के मद्देनजर इंडोनेशिया की सेना ने इस द्वीप पर कई युद्धपोत और लड़ाकू विमान तैनात कर दिए।

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इंडोनेशिया ने यह तैनाती क्षेत्र में चीन की हालिया हरकत के बाद की है। गत माह इस विवादित क्षेत्र से चीन के कई जहाज गुजरे थे। इससे नाराज इंडोनेशिया ने चीन के राजदूत को तलब कर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी।

चीन समूचे दक्षिण चीन सागर क्षेत्र पर अपना एकाधिकार जताता है। इंडोनेशिया के साथ विवाद को हालांकि वह बातचीत के जरिये सुलझाने की बात करता है। विडोडो ने नतुना में कहा, इस द्वीप पर सिर्फ इंडोनेशिया का अधिकार है। इस पर किसी तरह की बहस की कोई गुंजाइश नहीं है। दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन का इंडोनेशिया के अलावा वियतनाम, फिलीपींस और मलेशिया के साथ भी विवाद चल रहा है। यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रमुख मार्ग के अलावा मछलियों का बहुत बड़ा भंडार भी है।

दक्षिणी चीन सागर की कहानी

अंतरराष्ट्रीय इलाका माने जाने वाले दक्षिणी चीन सागर पर चीन इकतरफा हक क्यों जताता रहता है? इंडोनेशिया और वियतनाम के बीच पड़ने वाला समंदर का ये हिस्सा, करीब 35 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इस पर चीन, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताईवान और ब्रुनेई अपना दावा करते रहे हैं। कुदरती खजाने से लबरेज इस समुद्री इलाके में जीवों की सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं।

आज से तीन-चार साल पहले तक इस इलाके को लेकर इतनी तनातनी नहीं थी। फिर अचानक, करीब तीन साल पहले चीन के समंदर में खुदाई करने वाले जहाज, बड़ी तादाद में ईंट, रेत और बजरी लेकर दक्षिणी चीन सागर पहुंचे। उन्होंने एक छोटी समुद्री पट्टी के इर्द-गिर्द, रेत, बजरी, ईंटों और कंक्रीट की मदद से बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया। पहले एक बंदरगाह बनाया गया। फिर हवाई जहाजों के उतरने के लिए हवाई पट्टी।

देखते ही देखते, चीन ने दक्षिणी चीन सागर में एक आर्टिफ़िशियल द्वीप तैयार कर के उस पर सैनिक अड्डा बना लिया। इस इलाके में चीन ने धीरे-धीरे करके कई छोटे द्वीपों पर सैनिक अड्डे बना लिए। आज हालात ये बन पड़े हैं कि दक्षिणी चीन सागर पर कई देश दावेदारी कर रहे हैं।


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