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मीलों तक समुद्र की सतह पर तैर रहा लॉयन एयरलाइंस का मलबा, बदहवास परिजन

लॉयन एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्‍त होने के बाद इसको लेकर कई नए खुलासे सामने आए हैं। वहीं विमान के मलबे की तलाश लगातार जारी है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 31 Oct 2018 12:26 PM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2018 01:12 PM (IST)
मीलों तक समुद्र की सतह पर तैर रहा लॉयन एयरलाइंस का मलबा, बदहवास परिजन
मीलों तक समुद्र की सतह पर तैर रहा लॉयन एयरलाइंस का मलबा, बदहवास परिजन

नई दिल्‍ली (जागरण स्‍पेशल)। इंडोनेशिया के विमान लॉयन एयरलाइंस बोइंग 737 मैक्‍स 8 विमान में सवार यात्रियों और उनके सामान की सरगर्मी से तलाश चल रही है। समुद्र में मीलों तक इस विमान का मलबा सतह पर तैरता दिखाई दे रहा है। इसके अलावा इस मलबे में यात्रियों के अवशेष भी शामिल हैं। इस विमान दुर्घटना के बाद इंडोनेशिया में सभी विमानों की जांच के आदेश दे दिए गए थे, जिसके बाद कुछ विमानों की जांच तो पूरी कर ली गई है। लेकिन अभी तक इनकी रिपोर्ट सामने नहीं आई है। आपको यहां पर बता दें कि लॉयन ऐयर के पास 11 ऐसे विमान हैं जबकि एक विमान गरुडा के पास में हैं।

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नहीं मिला ब्‍लैक बॉक्‍स
जहां तक लॉयन एयरलाइंस के दुर्घटनाग्रस्‍त विमान की बात है तो अब तक इसका फ्यूसलाज और ब्‍लैक बॉक्‍स नहीं मिला है, जिससे यह पता चल सके कि आखिर विमान के क्रेश होने की प्रमुख वजह क्‍या रही होगी। दुर्घटनाग्रस्‍त हुए विमान ने सोमवार को स्‍थानीय समयानुसार सुबह करीब साढ़े छह बजे जकार्ता से पंगकल पिनांग के लिए उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के 13 मिनट बाद ही इसका संपर्क एटीसी से टूट गया और यह समुद्र में क्रेश हो गया।

जांच में खुलासा 
शुरुआती जांच में इस बात का भी पता चला है कि विमान के क्रू ने उड़ान से पहले रात में विमान में तकनीकी खराबी की बात कही थी, जिसको बाद में सुधार लिया गया था। लॉयन एयर के चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव एडवार्ड सिरेत के मुताबिक बाद में इसकी उड़ान को क्लियरेंस दे दिया गया था। इसके अलावा इस बात का भी पता चला है कि क्रेश होने से पहले विमान की तरफ से वापस एयरपोर्ट पर लौटने की बात कही गई थी। तब विमान एयरपोर्ट से 12 मील की दूरी पर था। जानकारी के मुताबिक विमान की तरफ से किसी भी तरह की इमरजेंसी की बात नहीं कहीं गई थी। जांच के दौरान यह बात भी सामने आई है कि वह ये कि जो विमान दुर्घटनाग्रस्‍त हुआ है उसको अगस्‍त में ही बेड़े में शामिल किया गया था और यह केवल 800 घंटे की उड़ान ही अब तक पूरी कर सका था।

मीलों तक फैला मलबा
इस विमान का मलबा करीब 400 स्‍क्‍वायर नॉटिकल मील की दूरी में तलाश किया जा रहा है। माना जा रहा है कि यह मलबा इससे भी कहीं अधिक दूरी तक फैला है। फिलहाल इस विमान में सवार यात्रियों के 132 परिजनों के डीएनए नमूने लिए गए हैं, जिससे यात्रियों का मिलान किया जा सकेगा। अब तक करीब 24 बैग्‍स में यात्रियों के अवशेषों को एकत्रित किया गया है। कहा जा रहा है कि इन बैग्‍स में एक से अधिक यात्रियों के अवशेष हो सकते हैं, जिनका पता डीएनए जांच के बाद ही चल सकेगा।

अगस्‍त में लिए गए थे 11 विमान
कहा ये भी जा रहा है कि इस दुर्घटना की एक वजह मौसम की खराबी भी हो सकती है। इसलिए ही शायद विमान को वापस एयरपोर्ट पर उतारने की बात कही गई थी। बोइंग के अधिकारी के मुताबिक लॉयन एयरलाइंस द्वारा अगस्‍त में ही 11 आधुनिक विमानों को बेड़े में शामिल किया गया था। उनके मुताबिक मैक्‍स-8 ऐसा आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस विमान है जिसको हर कोई खरीदना चाहता है। यहां पर ध्‍यान रखने वाली बात यह भी है कि इंडोनेशिया करीब 13 द्वीपों वाला एक देश है जहां पर विमानन सेवा में हाल के कुछ वर्षों में तेजी आई है। जहां तक लॉयन एयरलाइंस की बात है तो इसका करीब 50 फीसद घरेलू उडडयन बाजार पर कब्‍जा है।

यूरापीय एयरस्‍पेस में हो चुकी है ब्‍लैक लिस्‍ट  
इस घटना के बाद आस्‍ट्रेलिया ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी कर कहा है कि ह लॉयन एयरलाइंस से सफर न करें। आपको यहां पर ये भी बता दें कि लॉयन एयरलाइंस उन तमाम दर्जनभर एयरलाइंस में शामिल हो चुकी है जिसे ही यूरोपीय एयरस्‍पेस में उड़ान भरने की इजाजत देने से इंकार कर ि‍दिया गया था। हालांकि बाद में सुरक्षा खामियों को दूर करने के बाद इस समेत दूसरी एयरलाइंस का ऑपरेशन दोबारा शुरू कर दिया गया था। यूरापीय एयरस्‍पेस में उड़ान की इजाजत न देने के पीछे इसका अंतरराष्‍ट्रीय सुरक्षा नियमों के तहत खरी न उतरना था। वर्ष 2000, 2013 और 2014 में भी लॉयन एयरलाइंस के विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं।

पायलट और सह-पायलट को था लंबा अनुभव 
आपको बता दें कि इस विमान में छह क्रू मैंबर्स समेत कुल 189 या‍त्री सवार थे। इस विमान को भारतीय पायलट भव्‍य सुनेजा उड़ा रहे थे जिन्‍हें करीब छह हजार घंटे का अनुभव था। वहीं उनके सह पायलट को पांच हजार घंटों से अधिक का अनुभव था।


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