इंडोनेशिया में सुनामी का खतरा अभी टला नहीं, राष्ट्रीय आपदा एजेंसी ने जारी किया अलर्ट
रिंग ऑफ फायर में स्थित होने के कारण इंडोनेशिया में दुनिया में सबसे अधिक भूकंप और सुनामी आते हैं। इसी साल जुलाई में इंडोनेशिया में एक हफ्ते के अंतराल में दो भूकंप के झटके आए थे।
कैरिटा, एजेंसी। इंडोनेशिया में ज्वालामुखी फटने के कारण आई सुनामी से 281 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों अन्य घायल हैं, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। मौसम विभाग ने फिर सुनामी आने का अलर्ट जारी किया है। अनाक क्रेकाटोआ ज्वालमुखी की सक्रियता को देखते हुए तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को समुद्र तटों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है। ऐसी आशंका है कि सुनामी फिर से कहर बरपा सकती है।
इंडोनेशिया की राष्ट्रीय आपदा एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो नुग्रोहो ने बताया, 'मौसम विज्ञान, क्लाइमेटोलॉजी और भूभौतिकीय एजेंसियों का मानना है कि लोग समुद्र तट पर गतिविधियों को अंजाम न दें और तट से कुछ समय के लिए दूर रहें।' एजेंसी का कहना है राहत और बचाव कार्य में जुटे लोग भी सचेत रहें, क्योंकि सुनामी की वजह से 10 फीट ऊंची लहरे उठ सकती हैं।
नुग्रोहो ने बताया कि ज्वालामुखी फटने के कारण समुद्र के नीचे सतह में हलचल हुई। पूर्णिमा की रात होने के कारण उठ रही ऊंची लहरों के साथ मिलकर यह हलचल बड़ी तबाही का कारण बन गई। राहत और बचाव कार्य में लगे अधिकारियों ने बताया कि आपदा में 843 लोग घायल हो गए हैं और 28 लोग लापता हैं। तट के आसपास बनी इमारतें ध्वस्त हो गई। पेड़ और बिजली के खंबे उखड़ गए। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस की कैथी मूलर ने कहा कि आपदा में मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। नुग्रोहो ने भी कहा कि अभी आपदा पीडि़तों की संख्या का सही आकलन संभव नहीं है। जैसे-जैसे राहत और बचाव का काम आगे बढ़ेगा, स्थिति का उतना ही सही अनुमान लगाना संभव होगा। नेशनल डिजास्टर एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पुर्वो नुग्रोहो ने बताया कि सुनामी स्थानीय समयानुसार शनिवार रात करीब 9:30 बजे आई। प्रत्यक्ष दर्शियों के मुताबिक समुद्र से 15 से 20 मीटर ऊंची लहरें उठती देखी गई हैं।
तीन महीने पहले सितंबर में इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप स्थित पालु और दोंगला शहर में भूकंप के बाद सुनामी आने से 832 लोगों की मौत हो गई थी। हजारों लोग घायल भी हुए थे। कुल 6 लाख की आबादी वाले इन दोनों शहरों में आपदा के तीन महीने बाद भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। 2004 में इंडोनेशिया के सुमात्रा में 9.3 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके बाद हिंद महासागर के तटीय इलाकों वाले देश सुनामी की चपेट में आ गए थे। तब भारत समेत 14 देश सुनामी से प्रभावित हुए थे। दुनियाभर में 2.20 लाख लोगों की जान गई। इनमें 1.68 लाख लोग इंडोनेशिया के थे।
गौरतलब है कि रिंग ऑफ फायर में स्थित होने के कारण इंडोनेशिया में दुनिया में सबसे अधिक भूकंप और सुनामी आते हैं। इसी साल जुलाई में इंडोनेशिया में एक हफ्ते के अंतराल में दो भूकंप के झटके आए थे। लोम्बोक में 7 और बाली में 6.4 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। इनमें सैकड़ों लोगों की मौत हुई थी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि वह शनिवार रात ज्वालामुखी विस्फोट के बाद वहां तस्वीरें ले रहे थे, तभी उन्होंने अपनी ओर तेजी से आती समुद्री लहरों को देखा। इसके के बाद वह वहां से भाग पड़े। फिर उन्होंने देखा कि समुद्र की लहर उनके होटल परिसर तक पहुंच गई।