इंडोनेशिया में प्रदर्शन के बाद भ्रष्टाचार निरोधी कानून की वापसी के संकेत
राजधानी जकार्ता और देश के अन्य शहरों में हाल में हुए प्रदर्शनों में शामिल लोगों ने कहा संसद में पारित नए कानून से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कमजोर होगी।
जकार्ता, रायटर। इंडोनेशिया में हुए छात्रों के बड़े प्रदर्शन के बाद राष्ट्रपति जोको विडोडो ने भ्रष्टाचार निरोधी नए कानून को वापस लेने पर विचार करने का आश्वासन दिया है। लोगों को आशंका है कि नया कानून भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने वाली एजेंसी करप्शन इरेडीकेशन कमीशन (केपीके) के अधिकारों को कम कर देगा।
इस प्रतिष्ठित एजेंसी ने 2002 में गठन के बाद से सैकड़ों राजनीतिक लोगों, अधिकारियों और कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। छात्रों के प्रदर्शनों में अकेले जकार्ता शहर में ही 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, एक प्रदर्शनकारी के मरने की सूचना है। प्रदर्शनों में शामिल 200 से ज्यादा छात्र गिरफ्तार किए गए हैं।
राजधानी जकार्ता और देश के अन्य शहरों में हाल में हुए प्रदर्शनों में शामिल लोगों ने कहा, संसद में पारित नए कानून से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कमजोर होगी। इस कानून से जांच एजेंसी की स्वतंत्रता प्रभावित होगी। नए कानून के अनुसार एजेंसी के कार्यो पर एक कमेटी नजर रखेगी।
प्रदर्शनों में शामिल लोगों ने इंडोनेशिया अपराध संहिता में बदलाव पर भी विरोध जताया। इस बदलाव में गैर वैवाहिक संबंधों पर प्रतिबंध लगाने और राष्ट्रपति के सम्मान के खिलाफ बात कहने पर दंड का प्रावधान किया गया है। इंडोनेशिया में यह 1998 के बाद सबसे बड़े छात्र प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है, तब छात्रों के विरोध के चलते सुहार्तो को सत्ता से दूर जाना पड़ा था।
विडोडो ने अपराध संहिता में बदलाव पर संसद में मतदान की प्रक्रिया को टाल दिया है। उन्होंने कहा है कि नई संसद अगले महीने विधेयक की समीक्षा करेगी। इस विधेयक में मार्क्सवाद और लेनिनवाद की शिक्षा देने वाले शिक्षकों को भी दंडित करने का प्रावधान किया गया है। साथ ही कुछ खास स्थितियों के अतिरिक्त गर्भपात कराने वाली महिलाओं को भी दंडित करने का प्रावधान किया गया है।