चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को किया फोन, जानें- क्या कहा
डोनाल्ड ट्रंप से कहा कि ताइवान हांगकांग शिनजियांग और तिब्बत के बारे में अमेरिकी टिप्पणियां और कार्रवाई चीन और अमेरिका के आर्थिक संबंधों को नुकसान पहुंचा रही हैं।
बीजिंग, एजेंसी । वाशिंगटन और बीजिंग में भारी तनाव के बीच चीन ने अमेरिका से कहा है कि वह उसके आतंरिक मामले में हस्तक्षेप करने से बाज आए। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शुक्रवार को अपने अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप से कहा कि ताइवान, हांगकांग, शिनजियांग और तिब्बत के बारे में अमेरिकी टिप्पणियां और कार्रवाई चीन और अमेरिका के आर्थिक संबंधों को नुकसान पहुंचा रही हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने कहा कि ट्रंप के साथ फोन पर बातचीत में शी ने कहा कि अमेरिका ने चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया है। अमेरिका के इस रवैये से चीन के हितों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा यह दोनों दशों के बीच आपसी विश्वास और द्विपक्षीय सहयोग के लिए हानिकारक है। चिनफिंग ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि चीन की चिंताओं को वाशिंगटन गंभीरता से लेगा और उस पर ध्यान देगा।
बता दें कि बीजिंग की आपत्तियों के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हांगकांग में प्रदर्शनकारियों को समर्थन देने वाले कानून पर हस्तक्षार किए थे। ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद अब हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम, 2019 बिल (Hong Kong Human Rights and Democracy Act) कानून बन गया। यह कानून मानवाधिकारों के उल्लंघन पर प्रतिबंधों का उपबंध करता है। कांग्रेन ने एक दूसरा विधेयक भी पारित किया है, जिस पर ट्रंप ने भी हस्ताक्षर किए। इसके तहत भीड़ नियंत्रण की गतिविधियों जैसे आंसू गैस, काली मिर्च, रबर बुलेट आदि को हांगकांग पुलिस के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बिल पर हस्ताक्षर के बाद क्या कहा था राष्ट्रपति ट्रंप ने
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि मैंने इस विधेयक पर राष्ट्रपति शी चिनफिंग और हांगकांग के लोगों के सम्मान के लिए हस्ताक्षर किया है। उन्होंने कहा कि कानून को इस उम्मीद से बनाया जा रहा है कि चीन अपने अड़ियल रुख का त्याग करेगा और हांगकांग के नेता और प्रतिनिधियों से सौहार्द्रपूर्ण ढंग से अपने मतभेदों को सुलझा सकेंगे।
बेअसर रही चीन की धमकी, ट्रंप ने बिल पर हस्ताक्षर किए
इस बिल पर ट्रंप के हस्ताक्षर के पूर्व चीन ने कई बार इस पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। चीन ने अमेरिकी राजदूत को तलब कर सीनेट से पारित हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम, 2019 बिल (Hong Kong Human Rights and Democracy Act) को रद करने की मांग की थी। उसने चेतावनी भी दी थी कि अगर अमेरिका ने ऐसा नहीं किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
बीजिंग ने ट्रंप के हस्ताक्षर के पहले इस बिल को निरस्त करने के लिए अमेरिका पर लगातार दबाव बनाया था। बीजिंग ने अमेरिका को सख्त चेतावनी दी थी। चीन की सरकार इसे चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप मानती है।
क्या होगा इस कानून का असर
यह बिल ट्रंप प्रशासन को इस बात का आकलन करने की शक्तियां प्रदान करता है कि हांगकांग में राजनीतिक अशांति के कारण उसे अमेरिकी कानून के तहत मिले विशेष दर्जे में बदलाव लाना उचित है या नहीं। इस आधार पर अमेरिका संबंधित देश पर आर्थिक प्रतिबंध लगा सकता है।
हिंसा और उपद्रव से अर्थव्यवस्था को नुकसान
हांगकांग को लेकर अमेरिकी चिंता जायज है, क्योंकि यह एक वैश्विक वित्तीय केंद्र है, इसलिए इसकी अर्थव्यवस्था पर जरा सी भी चोट दुनिया भर में व्यापार को प्रभावित करती है। हांगकांग में छह महीने पूर्व शांतिपूर्ण सामूहिक मार्च के रूप में जो आंदोलन शुरू हुआ,वर्तमान में वह शहर के सबसे बड़े राजनीतिक संकट में बदल गया है। सरकार और चीन की नीतियों को लेकर लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन से बड़े पैमाने पर व्यवधान उत्पन्न हुआ है।
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