आपसी हितों के लिए खुली अर्थव्यवस्था का निर्माण करें ब्रिक्स देश : शी चिनफिंग
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में प्रगति करने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए खुली अर्थव्यवस्था और सहयोग जरूरी है।
जोहानसबर्ग, (आईएएनएस)। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का कहना है कि ब्रिक्स देशों को आपसी हितों के लिए खुली अर्थव्यवस्था के निर्माण की दिशा में काम करना चाहिए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, 10वें ब्रिक्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए शी ने कहा कि सभी देश अपनी अर्थव्यवस्थाओं को खोलकर आपसी हितों, साझा समृद्धि और सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं।
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में प्रगति करने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए खुली अर्थव्यवस्था और सहयोग जरूरी है। शी ने ब्रिक्स देशों से खुली वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंच गए हैं। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से अलग से मुलाकात होगी।
इस शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स से जुड़े पांच देशों के बीच समावेशी विकास, स्वास्थ्य और सतत विकास, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा समेत कई वैश्विक महत्व के मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। बता दें कि ब्रिक्स दुनिया की पांच उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले देशों का संगठन है। सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष यहां शिरकत कर रहे हैं। इस संगठन को साल 2010 से पहले ब्रिक के नाम से जाना जाता था, दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने के बाद यह ब्रिक्स हो गया। ब्रिक्स के इन पांच देशों में दुनिया की 50 फीसद आबादी बसती है।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात होगी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच अमरिकी व्यापार संरक्षणवाद और साझा हित के अन्य मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी की 25-27 जुलाई को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान अलग से बैठक होगी। पिछले तीन महीनों में दोनों नेताओं की यह तीसरी मुलाकात होगी। इससे पहले अप्रैल में चीनी शहर वुहान में दोनों नेताओं की दो दिवसीय अनौपचारिक बैठक हुई थी। वह बैठक डोकलाम गतिरोध के बाद द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाने तथा प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के इरादे से हुई थी।