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शी चिनफिंग ने कहा, बदलना होगा निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था का पुराना मॉडल

सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन के समापन सत्र में 14 वीं पंचवर्षीय योजना (2021 से 2025) के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। यह योजना 2035 के लिए निर्धारित आर्थिक और सामाजिक विकास तथा अन्य बड़े उद्देश्यों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 08:20 AM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2020 08:20 AM (IST)
शी चिनफिंग ने कहा, बदलना होगा निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था का पुराना मॉडल
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्वकेंद्रित अर्थव्यवस्था बनानी होगी: चिनफिंग

बीजिंग, प्रेट्र। कोविड-19 महामारी फैलाने की तोहमत झेल रहे चीन को अब आने वाले वक्त की मुश्किलों का अंदाजा हो गया है। दुनिया में बढ़ रहे विरोध के मद्देनजर राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शनिवार को कहा, चीन अब पहले जैसी विकास की गति कायम नहीं रख सकता। अब निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था के मॉडल को बदलना होगा। अब माल की स्वदेशी खपत बढ़ानी होगी। स्वदेशी मांग और आपूर्ति ही आने वाले समय में चीन की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार होगी। राष्ट्रीय और औद्योगिक सुरक्षा को कायम रखने के लिए विश्वसनीय घरेलू उत्पादन और आपूर्ति व्यवस्था विकसित करनी होगी।

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सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन के समापन सत्र में 14 वीं पंचवर्षीय योजना (2021 से 2025) के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। यह योजना 2035 के लिए निर्धारित आर्थिक और सामाजिक विकास तथा अन्य बड़े उद्देश्यों को ध्यान में रखकर बनाई गई है। इन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए अब अर्थव्यवस्था में परिवर्तन करने का फैसला किया गया है। हाल के महीनों में निर्यात में आई कमी और चीन के खिलाफ दुनिया में बनते माहौल के मद्देनजर अब घरेलू बाजार पर आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके लिए बाजार में माल की खपत बढ़ाई जाएगी जिसके चलते उत्पादन और आपूर्ति स्वत: बढ़ेगी। यही स्वकेंद्रित अर्थव्यवस्था होगी।

राष्ट्रपति चिनफिंग ने बड़े उद्देश्यों को लेकर 2035 के लिए दूरगामी योजनाएं तैयार की हैं। माना जा रहा है कि आगामी 15 वर्ष भी वह राष्ट्रपति पद पर बने रह सकते हैं। चीन में माओ त्से तुंग के बाद चिनफिंग सबसे शक्तिशाली नेता बनकर उभरे हैं। इस समय उनके पास राष्ट्रपति के साथ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और सैन्य आयोग के प्रमुख का पद भी है। संविधान संशोधन के जरिये उन्हें आजीवन राष्ट्रपति बने रहने का अधिकार भी दिया जा चुका है। चीन में इतने अधिकार उनसे पहले किसी अन्य राष्ट्रपति को नहीं मिले।


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