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राजनीतिक दबावों को टालने में चिनफिंग को मिली सफलता, पेश किया प्लान- 2035

सीसीपी की केंद्रीय समिति के पूर्ण सत्र में चिनफिंग सभी अंदरूनी राजनीतिक दबावों को टालने में सफल रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि चिनफिंग सर्दियों के इस मौसम में भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई भी शुरू कर सकते हैं।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 07:42 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 07:42 AM (IST)
राजनीतिक दबावों को टालने में चिनफिंग को मिली सफलता, पेश किया प्लान- 2035
सभी अंदरूनी राजनीतिक दबावों को टालने में सफल रहे चिंफिंग।

बीजिंग, आइएएनएस। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की केंद्रीय समिति के पांचवे पूर्ण सत्र में अपने अधिकारों को मिली सभी चुनौतियों पर काबू पा लिया है। इसका यह मतलब भी हो सकता है कि चिनफिंग सर्दियों के इस मौसम में भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई भी शुरू कर सकते हैं। इस दौरान चिनफिंग ने प्लान 2035 भी पेश किया। 

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शीर्ष सूत्रों के मुताबिक, चिनफिंग को उनकी आक्रामक नीतियों के कारण सीसीपी के कुछ सदस्यों की ओर से असहमतियों का सामना करना पड़ रहा था। लेकिन सीसीपी की केंद्रीय समिति के पूर्ण सत्र में चिनफिंग सभी अंदरूनी राजनीतिक दबावों को टालने में सफल रहे। सीसीपी में निर्णय लेने वाले सर्वोच्च निकाय केंद्रीय समिति की चार दिवसीय यह बैठक गुरुवार को समाप्त हो गई। नई दिल्ली में विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल कुछ समय के लिए चिनफिंग सवालों से बच गए हैं। इसका तात्कालिक प्रभाव यह है कि भारत समेत उनकी आक्रमक नीतियों का अनुमोदन कर दिया गया है। 

चार दिन तक चले सम्मेलन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 2035 तक के लिए अपना प्लान पेश करके एक बार फिर यह चर्चा छेड़ दी है कि वह जिंदगीभर राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे। राष्ट्रपति शी ने अपने प्लान को लेकर कभी कुछ स्पष्ट रूप से कहा नहीं है, लेकिन पर्याप्त संकेत दे चुके हैं कि 2022 में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने के बाद भी वह सत्ता से दूर जाने को तैयार नहीं हैं।

दूसरी तरफ अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी के एक प्रभावशाली सांसद ने केविन क्रेमर ने कहा है कि दोनों देशों के बीच रिश्ता चीन जैसे विरोधियों को एक स्पष्ट सख्त संदेश देगा। हाल के महीनों में चीन और अमेरिका के बीच रिश्ता कोरोना महामारी, व्यापार, हांगकांग में बढ़ते हस्तक्षेप आदि जैसे मुद्दों को लेकर खराब हुआ है और भारत के साथ बीजिंग का लद्दाख में सीमा विवाद जारी है।


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