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चीनी राष्ट्रपति ने आखिरकार जो बाइडन को दी जीत की बधाई, बेहतर द्विपक्षीय संबंधों की उम्मीद

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव जीतने पर जो बिडेन को बधाई दी है। इसके साथ ही वह डेमोक्रेटिक उम्मीदवार को बधाई देने वाले अंतिम अंतरराष्ट्रीय नेता बन गए हैं। चिनफिंग ने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच स्थिर द्विपक्षीय संबंध आगे भी कायम रहेंगे।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 08:42 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 08:42 AM (IST)
चीनी राष्ट्रपति ने आखिरकार जो बाइडन को दी जीत की बधाई, बेहतर द्विपक्षीय संबंधों की उम्मीद
जो बाइडन को बधाई देने वाले आखिरी अंतरराष्ट्रीय नेता बने शी चिनफिंग।

बीजिंग, एजेंसी। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बुधवार को आखिरकार अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन को चुनाव जीतने की बधाई दे ही दी है। शी ने उम्मीद जताई कि दोनों देशों के बीच तनावमुक्त, स्वस्थ और स्थिर द्विपक्षीय संबंध आगे भी कायम रहेंगे। चीनी राष्ट्रपति चिनफिंग ने बाइडन को संदेश भेजकर शुभकामनाएं दीं। इसी के साथ वह अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन को बधाई देने वाले आखिरी अंतरराष्ट्रीय नेता बन गए हैं।

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चीनी राष्ट्रपति का बधाई संदेश ऐसे समय में आया है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सरकार जाने से पहले सत्ता का हस्तांतरण जो बाइडन को करने के लिए अधिकृत की जा चुकी है। हालांकि ट्रंप आसानी से व्हाइट हाउस को छोड़कर नहीं जाना चाहते और मतों की गिनती को लेकर सवाल उठाते रहे हैं।

रिपब्लिकन ट्रंप के इस्तीफा देने से इन्कार करने के बाद चीन बाइडन को बधाई देने में हिचकिचाता आ रहा था। पर अब चीन ने यह हिचक पीछे छोड़कर दी है। बुधवार को ही चीन के उप राष्ट्रपति वांग किशेन ने संदेश भेजकर भारतीय मूल की कमला हैरिस के उप राष्ट्रपति बनने पर उन्हें बधाई दी है। हालांकि चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने विगत 13 नवंबर को ही चुनाव जीतने के लिए बाइडन और हैरिस को बधाई दे दी थी।

वांग ने कहा, 'हम अमेरिकी लोगों की पसंद का सम्मान करते हैं और हम बाइडेन और हैरिस को बधाई देते हैं। हम समझते हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के परिणाम अमेरिकी कानूनों और प्रक्रियाओं के बाद निर्धारित किए जाएंगे।'

ट्रंप के सत्ता में चार साल चीन-अमेरिका संबंधों में सबसे खराब दौर माना जाता है। अपने कार्यकाल के दौरान, ट्रंप ने अमेरिका-चीन संबंधों के सभी पहलुओं पर आक्रामक रुख दिखाया। जिसमें विवादित दक्षिण चीन सागर पर चीन की पकड़ को चुनौती देना और पिछले साल दिसंबर में वुहान से निकले कोरोना वायरस को चीनी वायरस बताना शामिल है।


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