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कोरोना के स्रोत का जानने चीन पहुंचे WHO विशेषज्ञ लेकिन ड्रैगन ने नहीं दिया कार्यक्रम का ब्‍यौरा

कोरोना वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ के दो विशेषज्ञ चीन पहुंच गए हैं लेकिन चीनी विदेश मंत्रालय ने इनके कार्यक्रमों का ब्‍यौरा नहीं दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2020 08:21 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 04:19 AM (IST)
कोरोना के स्रोत का जानने चीन पहुंचे WHO विशेषज्ञ लेकिन ड्रैगन ने नहीं दिया कार्यक्रम का ब्‍यौरा
कोरोना के स्रोत का जानने चीन पहुंचे WHO विशेषज्ञ लेकिन ड्रैगन ने नहीं दिया कार्यक्रम का ब्‍यौरा

बीजिंग, एएनआइ। कोरोना वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दो विशेषज्ञ चीन पहुंच गए हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि डब्ल्यूएचओ के दो विशेषज्ञ चीनी विज्ञानियों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ संबंधित सवालों पर चर्चा करेंगे। हालांकि, विशेषज्ञों के यात्रा कार्यक्रम के बारे में कोई ब्योरा नहीं दिया गया। हुआ ने यह भी बताया कि विशेषज्ञ अन्य देशों और क्षेत्रों में भी जाएंगे।

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हुआ के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ का मानना है कि वायरस के स्त्रोत का पता लगाना एक सतत प्रक्रिया है, जिससे कई देशों और क्षेत्रों का संबंध हो सकता है। जरूरत के मुताबिक डब्ल्यूएचओ दूसरे देशों में भी ऐसी ही छानबीन करेगा। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम घेब्रेयसस ने पिछले महीने कहा था कि वायरस के स्त्रोत का पता लगाना सबसे महत्वपूर्ण है। यह विज्ञान है, यह जनस्वास्थ्य का मसला है। वायरस के बारे में सब कुछ जान लेने पर हम इससे बेहतर तरीके से निपट सकते हैं। इसी में यह जानना भी शामिल है कि यह शुरू कैसे हुआ।

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्य में आया। संभव है कि ऐसा चीन के वुहान मार्केट में हुआ हो, जहां दिसंबर 2019 में यह वायरस सामने आया था। हाल ही में हांगकांग को छोड़कर अमेरिका पहुंचने वाली वायरस विज्ञानी ली-मेंग यान ने कोरोना वायरस पर चीन का झूठ उजागर करते हुए कहा था कि दुनिया के सामने वायरस के आने से पहले ही चीन इस वायरस के बारे में जानता था। उन्‍होंने यह भी दावा किया था कि चीनी सरकार ने सर्वोच्च स्तर पर वायरस के बारे में जानकारी छुपाई थी। 

ली-मेंग यान ने दावा किया था कि चीनी सरकार ने हांगकांग के शोधकर्ताओं समेत विदेशी विशेषज्ञों को अपने यहां शोध करने की स्वीकृति देने से इन्कार कर दिया था। मालूम हो कि चीन के वुहान शहर में गत दिसंबर में कोरोना का पहला मामला सामने आया था और यहीं से पूरी दुनिया में फैल गया। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप भी चीन पर जानकारी छिपाने का आरोप लगाते रहे हैं। यही नहीं उन्‍होंने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन पर भी जिम्‍मेदारी नहीं निभाने और चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। कोरोना पर दुनियाभर में चीन की इमेज पर गहरा आघात लगा है। 


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