दक्षिण चीन सागर में चीन ने बढ़ाई वियतनाम की बेचैनी, कोरोना की आड़ में ड्रेगन का नया दांव
एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना की मार से जूझ रही है तो वहीं चीन दक्षिण चीन सागर में पांव पसारने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है।
हनोई (रॉयटर्स)। वियतनाम ने दक्षिण चीन सागर में की जा रही चीन के सैन्य अभ्यास का जबरदस्त विरोध किया है। उसकी तरफ से कहा गया है कि ये सैन्य अभ्यास आसियान (Association of Southeast Asian Nations) देशों के लिए हानिकारक है। वियतनाम के अलावा फिलीपींस ने भी चीन का विरोध करते हुए उसको आगाह किया है कि इस तरह की कार्रवाई से दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में असुरक्षा की भावना व्याप्त हो जाएगी। फिलीपींस की तरफ से बीते दिनों एक सम्मेलन के दौरान ये बातें कही गई थीं। इस चिंता के बीच कि चीन विवादित जलमार्ग में अपनी गतिविधि को बढ़ाने के लिए कोरोनोवायरस महामारी के आवरण का उपयोग कर रहा है। आपको बता दें कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में बुधवार से पांच दिन चलने वाले सैन्य अभ्यास की शुरुआत की है। ये अभ्यास पेरासेल द्वीप के पास किया जा रहा है। इस क्षेत्र पर वियतनाम दावा जताता रहा है।
वियतनाम के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि चीन द्वारा किया जा रहा सैन्य अभ्यास वियतनाम की सुंप्रभुता का गंभीर उल्लंघन है। मंत्रालय के प्रवक्ता ली थी हू थंग ने कहा कि इस तरह के सैन्य अभ्यास से हालात और खराब हो जाएंगे जो सभी के लिए खतरनाक होगा। वियतनाम ने इस अभ्यास को रोकने के लिए कूटनीतिक तरीका अपनाते हुए चीन से अपना विरोध जताया है। थंग ने कहा कि हमनें चीन से ऐसा न करने को कहा है। इन सभी के अलावा अमेरिका ने भी चीन को इस तरह के सैन्य अभ्यास से बचने और इसको रोकने की अपील की है। अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर में चीन की तरफ से उठाया गया ये कदम जबरदस्ती सींग मारने जैसा है। ।
चीन को आड़े हाथों लेते हुए अमेरिका ने भी कहा है कि एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है वहीं चीन इसकी आड़ लेते हुए दक्षिण चीन सागर में लगातार इस तरह की हरकत कर रहा है, जो पूरी तरह से अमान्य हैं। अमेरिका के मुताबिक चीन इस पूरे क्षेत्र में अपनी नौसेना की शक्ति को बढ़ाने में लगा है जो किसी सूरत से सही नहीं कही जा सकती है। गौरतलब है कि अप्रैल में इस क्षेत्र में चीन की नौसेना ने वियतनाम की एक मछली पकड़ने वाली नौका को डूबा दिया था। चीन का कहना है कि वियतनाम का इस क्षेत्र पर कोई दावा नहीं है वह इस तरह का झूठा दावा करता है। उसकी इस क्षेत्र में मौजूदगी पूरी तरह से गैरकानूनी है। चीन की तरफ से ये भी साफ कर दिया गया है कि वे इस क्षेत्र में किसी भी दूसरे देश की मौजूद को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि दक्षिण चीन सागर से विश्व का सबसे अधिक समुद्री व्यापार होता है। इसके अलावा यह इलाका कई तरह के प्राकृतिक संसाधनों से भी भरा हुआ है। चीन के इस इलाके पर कब्जे के बाद से ही यह विवादित इलाके की श्रेणी में आता है। यह ऐसा इलाका है जिस पर कई देश अपना-अपना दावा पेश करते हैं। इस इलाके में चीन के आक्रामक रुख का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि यहां से गुजरने वाले आस्ट्रेलियाई लड़ाकू विमानों पर कई बार लेजर हथियारों से हमला किए जाने की बात सामने आ चुकी है। इस तरह के हमलों से कई बार विमान के पायलट को विपरीत स्थितियों का सामना करना पड़ा है। चीन और अमेरिका कई बार इस इलाके में आमने सामने आ चुके हैं।
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