उइगर मुस्लिमों ने चीन के खिलाफ खोला मोर्चा, मांगा अपनों के जिंदा होने का प्रमाण
फिनलैंड में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हलमुरात हैरी ने मीटूउइगर हैशटैग बनाया। इसके जरिए चीन से लापता लोगों के बारे में जानकारी देने को कहा जा रहा है।
बीजिंग, एएफपी। अल्पसंख्यक उइगर मुस्लिमों ने चीन पर दबाव बनाने के लिए एक वैश्विक अभियान शुरू किया है। इसमें चीन से कहा गया है कि वह सुबूत के तौर पर वीडियो जारी कर बताए कि लापता हुए उनके उइगर रिश्तेदार जिंदा हैं। सोशल मीडिया पर मंगलवार से हैशटैग मीटूउइगर के साथ यह अभियान शुरू किया गया है। चीन ने हाल में अपनी हिरासत में जाने-माने उइगर शायर और संगीतकार अब्दुरहीम हेत की मौत की खबर को गलत साबित करने के लिए वीडियो जारी कर उनके जिंदा होने का प्रमाण दिया था।
सामाजिक कार्यकर्ता हलमुरात हैरी ने चलाया कैेपेन
वीडियो में हेत को कहते दिखाया गया, 'मैं जिंदा हूं और ठीक हूं।' चीन को यह वीडियो तुर्की के उस दावे के बाद जारी करना पड़ा जिसमें कहा गया था कि चीनी जेल में उनकी मौत हो गई है। यह वीडियो सामने आने के बाद फिनलैंड में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हलमुरात हैरी ने यह मीटूउइगर हैशटैग बनाया। उन्होंने कहा, 'चीनी अधिकारियों ने वीडियो जारी कर अब्दुरहीम के जीवित होने का प्रणाम दिया। अब हम यह जनाना चाहते हैं कि लाखों उइगर कहां हैं?
मेरे खुद के माता-पिता भी हिरासत में लिए गए थे, उन्हें हालांकि पिछले साल रिहा कर दिया गया था।' अमेरिका में रहने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता रुशन अब्बास ने कहा कि विदेश में रहने वाले कई लोगों का चीन में रहने वाले अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से सालों से संपर्क नहीं हो पाया है। चीन में इन लोगों पर कड़ी निगरानी होती है।
दस लाख उइगर हिरासत में
पिछले साल संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि चीन में करीब दस लाख उइगरों को हिरासत केंद्रों में रखा गया है। चीन ने पहले इन आरोपों को मानने से इन्कार कर दिया था, लेकिन बाद में माना था कि लोगों को व्यावसायिक शिक्षा केंद्रों में रखा गया है। बता दें कि चीन के शिनजियांग में तुर्की भाषा बोलने वाले उइगरों की बड़ी आबादी रहती है।