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विश्व के सबसे गहरे समुद्र में पाया गया तेल खाने वाला अनोखा बैक्टीरिया

लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ एंगोलिया ने विश्व के सबसे गहरे समुद्र मारियाना ट्रेंच में ऐसे बैक्टीरिया की खोज की है। जो समु्द्र तल के नीचे तेल का सेवन करता हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sun, 14 Apr 2019 12:53 PM (IST)Updated: Sun, 14 Apr 2019 01:00 PM (IST)
विश्व के सबसे गहरे समुद्र में पाया गया तेल खाने वाला अनोखा बैक्टीरिया
विश्व के सबसे गहरे समुद्र में पाया गया तेल खाने वाला अनोखा बैक्टीरिया

लंदन, पीटीआइ। विश्व के सबसे गहरे समुद्र में एक अनोखे बैक्टीरिया की खोज हुई है। वैज्ञानिकों ने शोध से पता लगाया है कि मारियाना ट्रेंच समुद्र में एक ऐसा बैक्टीरिया है जो तेल का सेवन करता है। मारियाना ट्रेंच पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित है और इसकी गहराई लगभग 11,000 मीटर है। 

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अध्ययन में शामिल चीन के ओशियन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक जिओ-हुआ झांग ने बताया कि अभी तक केवल कुछ शोधों ने इस प्रकार की स्थित में रहने वाले जीवों की खोज की है। इनमें से एक शोध प्रसिद्ध समुद्री खोजकर्ता और अकादमी पुरस्कार विजेता एवं फिल्म निर्देशक जेम्स कैमरन के नेतृत्व में किया गया था। कैमरून ने समुद्र की सतह में कई नमूने एकत्र करने के लिए एक विशेष पनडुब्बी का निर्माण किया था।

बैक्टीरिया पर हुई इस खोज पर लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ एंगोलिया के वैज्ञानिक जोनाथन टॉड ने कहा, ‘हमारी रिसर्च टीम ने मारियाना ट्रेंच के सबसे गहरे हिस्से 11,000 मीटर में माइक्रोबियल पॉपुलेशन के नमूनों को इकट्ठा करने के लिए गई थी। टीम ने उन नमूनों का अध्ययन किया। अध्ययन में हाइड्रोकार्बन बैक्टीरिया नए समूह की पहचान की गई। जोनाथन टॉड ने आगे बताया कि हाइड्रोकार्बन कार्बनिक यौगिक होते हैं जो केवल हाइड्रोजन और कार्बन परमाणुओं से बने होते हैं, और ये कई जगहों पर कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस सहित पाए जाते हैं।‘

वैज्ञानिकों की शोध से पता चला है कि इस प्रकार के बैक्टीरिया प्रमुख रूप से तेल के समान यौगिकों को खाते हैं और फिर इसे ईंधन के लिए उपयोग करते हैं। इसी तरह के सूक्ष्मजीव मैक्सिको की खाड़ी में तेल रिसाव जैसी प्राकृतिक आपदाओं में तेल रिसाव को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

तेल खाने वाले बैक्टीरिया मारियाना ट्रेंच की सतह पर अधिक मात्रा में पाए गए हैं। बैक्टीरिया हाइड्रोकार्बन, डीजल ईंधन का निर्माण करने वाले यौगिकों के समान हैं, जो समुद्र की सतह पर शैवाल में पाए गए हैं। खास बात यह है कि ये बैक्टीरिया वे अन्य बैक्टीरियों के लिए एक खाद्य स्रोत के रूप में भी काम कर सकते हैं। यूनिवर्सीटी ऑफ एंग्लिया के वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी समुद्र तल के नीचे अनोखे वातावरण को समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।


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