ड्रैगन के महा जश्न में किसने मचाई खलबली, कबूतर उड़ाने पर लगा प्रतिबंध, क्या है भारत से लिंक
कम्युनिस्ट शासन की 70वीं वर्षगांठ में जहां चीन जश्न में डूबा रहेगा। वहीं उसका एक कोना इस शासन के खिलाफ गुस्सा निकाल रहा होगा। मातम मना रहा होगा। आखिर क्या है ड्रैगन की चिंता।
नई दिल्ली, जागरण स्पेशल । कम्युनिस्ट शासन की 70वीं वर्षगांठ 70th anniversary of the founding of the People's Republic of China चीन में खलबली है। चीन की यह बेचैनी बेवजह नहीं है। दरअसल, मंगलवार को जब चीन में जश्न मन रहा होगा तो हांगकांग में उसकी कम्युनिस्ट हुकूमत और सेना की शक्ति का का प्रदर्शन चल रहा होगा, वही उसके खिलाफ ही नारे लग रहे होंगे। दुनिया एक तरफ चीन में कम्युनिस्ट का गुणगान किया जा रहा होगा तो दूसरी ओर उसके खिलाफ विरोध हो रहा होगा। यह विरोधाभासी तस्वीर एक साथ दिखेगी।
आखिर क्या है ड्रैगन की चिंता
- लोकतंत्र के समर्थन में हांगकांग का यह विरोध प्रदर्शन गत कई महीनों से चल रहा है। ड्रैगन काे यह भय सता रहा है कि कहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया का फोकस हांगकांग हुआ तो उसकी पूरी तैयारी पर पानी फिर जाएगा। इसकी आशंका इसलिए ज्यादा प्रबल है कि हांगकांग में लोकतंत्र की मांग काफी समय से की जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो अंतरराष्ट्रीय जगत में चीन और उसकी कम्युनिस्ट पार्टी की काफी बदनामी होगी। उसकी निंदा होगी।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसी छीछालेदर से बचने के लिए चीन की चिंता है। कश्मीर में मानवाधिकार के उल्लंघन की झूठी अफवाह फैला रहे पाकिस्तान को अमेरिका पहले ही कड़ी नसीहत दे चुका है। अमेरिका ने पाकिस्तान से दो टूक कहा है कि चीन में अवैध रूप से हिरासत में रह रहे मुस्लिमों पर अफसोस करे। अमेरिका का यह इशारा चीन के लिए एक बड़ा संदेश है। ऐसे में हांगकांग पर कोई सैन्य कार्रवाई चीन के लिए महंगी पड़ सकती है।
- वह हांगकांग के प्रदर्शन के खिलाफ कुछ भी नहीं कर पा रहा है। वह असहाय है। इस आंदोलन के खिलाफ वह सैन्य ताकत का भी इस्तेमाल नहीं कर सकता। यह जानते हुए कि यह प्रदर्शन कम्युनिस्ट शासन के खिलाफ लोकतंत्र के लिए है।
कबूतरों और पतंग उड़ाने पर लगा प्रतिबंध
सुरक्षा कारणों से चीन की जबरदस्त किलेबंदी की गई है। चीनी सरकार को डर है कि हांगकांग के अंब्रेला आंदोलन की आड़ में कुछ लोग उपद्रव कर सकते हैं। इसलिए सरकार ने लाइव मनोरंजन स्थल, पतंग उड़ाने, स्काई लालटेन यहां तक की कबूतरों को उड़ाने पर भी प्रतिबंध लगा रखा है। यहां कई अपार्टमेंट खाली कराए गए हैं। इसके साथ ही चीन की राजधानी बीजिंग को दुल्हन की तरह से सजाया गया है।
चीन में उइगर मुस्लिम चिंता का सबब
चीनी सरकार कई बार उइगर मुस्लिमों को लेकर निशाने पर रही है। उइगर मुस्लिमों पर जुर्म को लेकर वहां की कम्युनिस्ट सरकार की निंदा हाेती रही है। अमेरिका समेत तमाम मुल्क इसकी निंदा कर चुके हैं। बता दें कि चीन ने लाखों उइगर मुसलमानों को डिटेंशन कैंप में कैद करके रखा है। यहां उनकी समस्त धार्मिक आजादी पर प्रतिबंध लगा रखा है। उइगर मुसलमानों को दाढ़ी रखने और धार्मिक अनुष्ठान करने तक पर प्रतिबंध है। हालांकि, चीन ने इन आरोपों को खारिज किया है।