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Super Spy Camera: चीन ने बनाया ऐसा कैमरा, जो हजारों में खोज लेगा निशाना

Super Spy Camera इस शक्तिशाली कैमरे को चीनी नागरिकों पर निगरानी के लिए तैयार किया गया है। इसके अलावा भी चीन कई तरीकों से अपने नागरिकों पर नजर रखता है।

By Amit SinghEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 04:47 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 08:39 AM (IST)
Super Spy Camera: चीन ने बनाया ऐसा कैमरा, जो हजारों में खोज लेगा निशाना
Super Spy Camera: चीन ने बनाया ऐसा कैमरा, जो हजारों में खोज लेगा निशाना

नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। चीन ने एक ऐसा शक्तिशाली खुफिया कैमरा तैयार किया है जो हजारों की भीड़ में भी अपने टारगेट को कैद कर सकने की क्षमता रखता है। इस कैमरे को चकमा देना आसान नहीं है। अमूमन अन्य कैमरे हाजरों की भीड़ में अपने टारगेट को कैद करने की जगह, पूरी भीड़ को कैद करते हैं। इससे टारगेट की हाई रिजोल्यूशन फोटो नहीं मिलती है, जिससे टारगेट की पहचान की जा सके। चीन की इस खोज को खुफिया जगह के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

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चीन द्वारा तैयार किया गया अब तक का सबसे शक्तिशाली खुफिया कैमरा 500 मेगा पिक्सल का है। इस खुफिया कैमरे को भविष्य में रीयल टाइम ट्रैकिंग सिस्टम और फेशियल रिकगनिशन (facial recognition tech) तकनीक से लैस किया जा सकता है। माना जा रहा है ये शक्तिशाली खुफिया कैमरा भविष्य में चीन की सेना, पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है।

अंतरिक्ष कैमरों की तरह शक्तिशाली है ये स्पाई कैम

500 मेगा पिक्सल वाला ये कैमरा, उसी कैमरे की तरह शक्तिशाली है, जिसकी मदद से अंतरिक्ष में दूर की आकाशगंगाओं का निरीक्षण किया जाता है। ब्रिटिश मीडिया संस्थान 'द सन' की एक रिपोर्ट के अनुसार ये कैमरा इंसानी आंखों के मुकाबले पांच गुना ज्यादा शक्तिशाली है। इस सर्विलांस कैमरे को फुदान यूनिवर्सिटी (Fudan University) और चंगचुन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्टिक्स (Changchun Institute of Optics) के वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार किया है।

चीन में प्रत्येक 12 नागरिक पर है एक कैमरा

सबसे शक्तिशाली स्पाई कैमरे को बनाने वाले वैज्ञानिकों का दावा है कि ये कैमरा हजारों लोगों की भीड़ में से एक टारगेट व्यक्ति की फोटो खींचने में सक्षम है। इसका मतलब है कि ये पहले से मौजूद चीन के सर्विलांस सिस्टम के लिए उपयोगी यंत्र साबित हो सकता है। चीन में पहले से ही सार्वजनिक स्थानों पर सर्विलांस के लिए 170 मिलियन (17 करोड़) से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। ये कैमरे चीन के नागरिकों पर 24 घंटे नजर रखते हैं। चीन की जनसंख्या के हिसाब से देखा जाए तो प्रत्येक 12 व्यक्ति पर लगभग एक खुफिया कैमरा लगा है।

चाल देखकर पहचान लेता है ये सर्विलांस सिस्टम

सीसीटीवी सर्विलांस के बाद चीन अब अपने नागरिकों पर नजर रखने के लिए कई अन्य तकनीकों के इस्तेमाल पर काम कर रहा है। इसी कड़ी में पिछले वर्ष चीन ने नागरिकों की पहचान सत्यापित करने के लिए एक नया सर्विलांस टूल गेट रिकगनिसन (gait recognition) तैयार किया है। ये टून इतना कारगर है कि ये शातिर से शातिर अपराधी की चाल देखकर ही ये सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर देता है। इसे धोखा दे पाना लगभग नामुमकिन है। ये तकनीक पूरे चीन में नागरिकों की निगरानी करने का एक हाईटेक तरीका है। इसे जासूसी के लिए तैयार की गई कृत्रिम बुद्धि भी कहा जा सकता है। पहचान सत्यापित कनरे वाली गेट तकनीक, 165 फुट की दूरी से किसी व्यक्ति की पहचान करने में सक्षम है। टारगेट व्यक्ति का चेहरा ठका हुआ हो या उसकी पीठ दिख रही हो, ये तकनीक हर परिस्थिति में उसकी पहचान कर लेगी।

नई नहीं है गेट तकनीक

चीन में पहचान सत्यापित करने के लिए प्रयोग की जा रही है गेट तकनीक कोई नई चीज नहीं है। जापान, यूनाइटेड किंगडम, यूएस डिफेंस इन्फॉर्मेशन सिस्टम एजेंसी के वैज्ञानिक भी एक दशक से ज्यादा समय से इस तकनीक को और विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं।

क्या चीन का राष्ट्रीय सर्विलांस सिस्टम?

- चीनी नागरिकों पर नजर रखने के लिए सरकार द्वारा मास सर्विलांस सिस्टम का उपयोग किया जाता है।

- अपने कर्मचारियों का सर्वेक्षण करने वाली कंपनियों पर भी सरकार के लिए सर्विलांस करने का संदेह है।

- चीनी नागरिकों पर निगरानी रखने के लिए सरकार द्वारा इंटरनेट और सीसीटीवी सर्विलांस का भी इस्तेमाल किया जाता है।

- चीन में सोशल क्रेडिट सिस्टम भी है जो नागरिकों की आर्थिक और सामाजिक प्रतिष्ठा की निगरानी करता है और उनकी रेटिंग तय करता है।

- इसके अलावा चीन में एडवांस फेशियल रिकगनिसन (recognition) टेक, रोबोट पुलिस, गेट रिकगनिसन टेक (gait recognition tech), इंटरनेट मॉनिटरिंग और सामान्य सीसीटीवी कैमरा के जरिए भी निगरानी की जाती है।

- चीन में फेसबुक समेत व्हाट्सएप जैसे तमाम सोशल मीडिया मैसेजिंग एप प्रतिबंधित हैं। जो मैसेजिंग एप इस्तेमाल होते हैं, उनके भी संदेशों पर सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कड़ी निगरानी की जाती है।

- वीचैट पर भेजे जाने वाली सभी मैसेज छह माह के लिए सर्वर में स्टोर किए जाते हैं। यहां तक कि आपका आईफोन हैक कर उसमें भी ताकझाक करने के कई मामले पूर्व में सामने आ चुके हैं।


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