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चीन में कोरोना की पहचान में जुटी ‘बीमार’ थर्मामीटर गन

शक्तिशाली सेंसर तकनीक के बावजूद चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि सेंसर युक्त यह थर्मामीटर अप्रभावी रक्षा तंत्र साबित हुआ है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 05:24 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 05:24 PM (IST)
चीन में कोरोना की पहचान में जुटी ‘बीमार’ थर्मामीटर गन
चीन में कोरोना की पहचान में जुटी ‘बीमार’ थर्मामीटर गन

बीजिंग। कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों के बुखार का पता करने के लिए चीन में थर्मामीटर गन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें बीमार के माथे पर एक गन लगाई जाती है। इसे पूरे चीन के चेक प्वाइंटों पर वितरित किया गया है। टोल बूथों, होटल, स्टोर्स और रेलवे स्टेशनों तक इसे वितरित किया गया है, जिससे सरकारी और आम लोग कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बुखार को माप सकें।

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हालांकि इस उपकरण की क्षमता को लेकर संदेह उठने शुरू हो गए हैं। शक्तिशाली सेंसर तकनीक के बावजूद चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञों का कहना है कि सेंसर युक्त यह थर्मामीटर अप्रभावी रक्षा तंत्र साबित हुआ है। न्यूयार्क टाइम्स में इस बारे में विस्तार से रिपोर्ट प्रकाशित की गई है।

ऐसे करता है काम

बुखार नापने वाले इस यंत्र को थर्मामीटर गन का नाम दिया गया है। यह डिवाइस इंफ्रारेड सेंसर से लैस है, जो किसी व्यक्ति की त्वचा के साथ संपर्क बनाए बिना ही उसके शरीर के तापमान को माप सकता है। हालिया वर्षों में वायरल के प्रकोप को रोकने की दिशा में यह देशों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा था।

2000 के बाद आया सामने

यह व्यापक रूप से साल 2000 में सामने आया। चीन में सार्स के प्रसार को धीमा करने और एक दशक बाद पश्चिम अफ्रीका में इबोला के प्रकोप को रोकने के लिए व्यापक रूप से इसका इस्तेमाल किया गया।

इस तरह नापता है तापमान

थर्मामीटर किसी व्यक्ति के शरीर की सतह से निकलने वाली गर्मी को मापकर तापमान बताता है। हालांकि अक्सर ऐसा होता है, जब इस उपकरण को चलाने वाले माथे के करीब सही ढंग से इसे पकड़ नहीं पाते हैं, जिसके कारण यह असामान्य रूप से कम या ज्यादा तापमान बताता है।

नेब्रास्का विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा विशेषज्ञ जेम्स लॉलर के मुताबिक, यह उपकरण सटीक और विश्वास के काबिल नहीं है। इबोला संकट के समय पश्चिमी अफ्रीका की यात्रा के दौरान डॉ. लॉलर ने इंफ्रारेड थर्मामीटर का परीक्षण किया था। उन्होंने अस्पताल के बाहर और सड़कों पर चेक प्वाइंट्स पर इसका परीक्षण किया। इसमें प्रतिकूल नतीजे आए थे।

मांग बढ़ी, उत्पादन नहीं

थर्मामीटर गंस और इंफ्रारेड कैमरे की बढ़ती मांग के चलते दुनिया में इसकी कमी आ गई है। थर्मामीटर गन बनाने वाली कंपनी के पास सरकारी और निजी मांग बढ़ने के कारण यह अधिक महंगा हो गया है। शेनझेन में निर्माता एलिकन मेडिकल साल में 25 लाख थर्मामीटर गन बनाती है।

इसके महाप्रबंधक मो यिंगचुन ने कहा कि यह चीन की कुछ चुनिंदा कंपनियों में से एक हैं, जो उत्पादन के उस स्तर को प्राप्त कर सकती हैं। फिर भी, कच्चे माल की लागत में वृद्धि और कई श्रमिक इस प्रकोप के चलते यहां पर नहीं हैं। इसका अर्थ है कि कंपनी पूरी क्षमता से उत्पादन नहीं कर रही है। कीमतें सामान्य स्तर से तीन से पांच गुना तक बढ़ गई थीं, स्थानीय सरकारें पहले अपनी जरूरतों को पूरा करना चाहती हैं।

चीनी भी हैं असंतुष्ट

चीनी सोशल मीडिया पर भी लोग इसे लेकर नाराज हैं। चेक प्वाइंट्स से गुजरने वाले लोगों की शिकायत है कि थर्मामीटर अवास्तविक रूप से बहुत कम तापमान दर्शाता है और अन्य परिस्थितियों में बहुत ज्यादा तापमान दिखाता है। एक शख्स ने वीबो पर लिखा कि थर्मामीटर गन सही नहीं है।

एक सुरक्षाकर्मी ने लिखा कि मैं जानता हूं कि थर्मामीटर गन सही नहीं है। वह स्वयं जानता है कि यह असंगत है लेकिन यह प्रक्रिया का एक हिस्सा है। यह औपचारिक है। नहीं है सटीक उन्होंने कहा कि कंपनी के थर्मामीटर का उपयोग बच्चों की जांच के लिए घर के अंदर किया जाता है। इसका उपयोग केवल त्वरित जांच के लिए किया जाता है और पारंपरिक थर्मामीटर की तरह यह सटीक नहीं होता है। 


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