Russia And China open Cross Border Bridge: रूस और चीन के गहराते संबंध के बीच दोनों देशों ने दिखाई सीमा पार पुल को हरी झंडी
रूस और चीन ने शुक्रवार को सुदूर पूर्व इलाके में एक नया सीमा पार पुल (Cross-Border Bridge) खोलने का फैसला किया है। बता दें कि यह पुल रूसी शहर ब्लागोवेशचेंस्क को अमूर नदी के पार चीनी शहर हेहे से जोड़ने वाला है।
बीजिंग, रायटर्स। चीन और रूस के बीच बढ़ती दोस्ती का एक और उदाहरण सामने आया है। रूस और चीन ने शुक्रवार को सुदूर पूर्व इलाके में एक नया सीमा पार पुल (Cross-Border Bridge) खोलने का फैसला किया। दोनों देशों को उम्मीद है कि पुल के खुलने से व्यापार को और बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि रूस द्वारा यूक्रेन पर किए जा रहे लगातार हमले के बीच पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। इस प्रतिबंध का सीधा असर रूस की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। रूस को उम्मीद है कि इस पुल के खुलने से देश की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को थोड़ा सहारा मिलेगा। बता दें कि यह पुल रूसी शहर ब्लागोवेशचेंस्क (Blagoveshchensk) से अमूर नदी को पार करते हुए चीनी शहर हेहे को जोड़ने वाला है। इस क्षेत्र को चीन में हेइलोंगजियांग (Heilongjiang) के नाम से जाना जाता है। गौरतलब है कि यह पुल सिर्फ एक किलोमीटर लंबा है और इसकी लागत 19 बिलियन रूबल (342 मिलियन डालर) है।
वीडियो फुटेज के जरिये दिखाया गया उद्घाटन समारोह
बता दें कि उद्घाटन की शुरुआत आतिशबाजी के प्रदर्शन के बीच दोनों देशों की ओर से मालवाहक ट्रकों ने दो लेन के पुल को पार किया। पुल पर दोनों देशों के झंडे भी लगाए गए थे। उद्घाटन समारोह को वीडियो फुटेज के जरिये दिखाया गया। रूसी अधिकारियों ने कहा कि इस पुल निर्माण की वजह से चीन और रूस के रिश्ते और मजबूत होने की उम्मीद है। क्रेमलिन के प्रतिनिधि यूरी ट्रुटनेव ने कहा कि आज की विभाजित दुनिया में रूस और चीन के बीच ब्लागोवेशचेंस्क-हेहे पुल का एक विशेष प्रतीकात्मक अर्थ है।
कोरोना महामारी की वजह से पुल के उद्घाटन में हुई देरी
चीन के उप प्रधानमंत्री हू चुनहुआ ने उद्घाटन के मौके पर कहा कि चीन सभी क्षेत्रों में रूस के साथ व्यावहारिक सहयोग को गहरा करना चाहता है। रूस के परिवहन मंत्री विटाली सेवलीव ने कहा कि पुल द्विपक्षीय वार्षिक व्यापार को 10 लाख टन से अधिक माल के लिए बढ़ावा देने में मदद करेगा। बता दें कि पुल 2016 से निर्माणाधीन था और मई 2020 में पूरा हो गया था, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से पुल के उद्घाटन में देरी हुई।
चीन ने दिया है रूस का साथ
पुल को पार करने वाले वाहनों को 8,700 रूबल ( 150 डालर) का टोल देना होगा, बताया जा रहा है कि यह कीमत घटने की उम्मीद है क्योंकि टोल शुल्क निर्माण की लागत को आफसेट करना शुरू कर देता है। रूस ने अप्रैल में कहा था कि दोनों देशों के बीच व्यापार 2024 तक 200 अरब डालर तक पहुंच जाएगा। बताते चलें कि चीन, रूसी प्राकृतिक संसाधनों और कृषि उत्पादों का एक प्रमुख खरीदार है। चीन ने यूक्रेन में रूस के सैन्य कार्रवाई की निंदा करने से इनकार कर दिया है और रूस पर पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की आलोचना भी की है।