अमेरिकी राजनयिकों पर रहस्यमयी 'साउंड अटैक' के चीन को नहीं मिले सबूत
खबर के मुताबिक, ग्वांगझोउ दूतावास के दो और राजनयिकों ने रहस्यमयी आवाज महसूस की, जिसके बाद वे बीमार हो गए।
बीजिंग, पीटीआइ। चीन ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी राजनयिकों पर ग्वांगझोउ शहर में कथित रहस्यमयी साउंड अटैक को लेकर की गई जांच में कोई सबूत हाथ नहीं लगे हैं। इधर दो और राजनयिकों ने साउंड अटैक की शिकायत के बाद शहर छोड़ दिया है। अमेरिका का आरोप है कि उसके दूतावास के कर्मचारियों पर साउंड अटैक हो रहा है। लेकिन चीन को जांच के दौरान साउंड अटैक के मामले में कुछ नहीं मिला।
23 मई को अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा कि ग्वांगझोउ स्थित दूतावास में काम करने वाले उसके एक कर्मचारी ने 'धीमी और अस्पष्ट', लेकिन असाधरण ध्वनि और दबाव की उत्तेजना महसूस की थी, जिसके बाद वह बीमार हो गए।' इस घटना में उसी तरह के लक्षण देखे गए, जो क्यूबा में अमेरिकी राजनयिकों पर हमले के दौरान सामने आए थे। इनमें पीडि़त राजनयिकों के मस्तिष्क में हल्के घाव पाए गए थे।
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक, ग्वांगझोउ दूतावास के दो और राजनयिकों ने रहस्यमयी आवाज महसूस की, जिसके बाद वे बीमार हो गए। इनमें से एक कर्मचारी ने बताया कि जब वह और उनकी पत्नी अपने अपार्टमेंट में थीं, तो उन्हें एक रहस्यमयी आवाज सुनाई दी, जिससे उनके सिर में दर्द होने लगा और उन्हें नींद नहीं आई। लेकिन गुरुवार को एक प्रेस ब्रिफिंग के दौरान चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी के आरोपों की जांच हुई, लेकिन इस दौरान साउंड अटैक के कोई सबूत नहीं मिले हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल अमेरिका ने खुलासा किया था कि क्यूबा में कार्यरत उसके 24 राजनयिक और उनके परिवार के लोग मस्तिष्क की एक रहस्यमय बीमारी की चपेट में हैं। कनाडा के 10 राजनयिकों और उनके परिजनों को भी यह अजीबोगरीब बीमारी हुई थी। दूतावास के स्वास्थ्य अलर्ट में कहा गया था कि दूतावास के कर्मचारी ने 'हाल में तेज एवं अस्पष्ट लेकिन असामान्य आवाज एवं दबाव की सनसनी सी महसूस की।