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Origin of Coronavirus: कोरोना की उत्पत्ति पर अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की रिपोर्ट को चीन ने किया खारिज

Origin of Coronavirus चीन ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद चीन पर फिर से सवाल खड़े हो रहे हैं। बीते साल से बहस जारी है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 06 Aug 2021 09:22 AM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 09:22 AM (IST)
Origin of Coronavirus: कोरोना की उत्पत्ति पर अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की रिपोर्ट को चीन ने किया खारिज
कोरोना की उत्पत्ति की रिपोर्ट को चीन ने किया खारिज।(फोटो: दैनिक जागरण)

बीजिंग, एएनआइ। कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन एक बार फिर से चर्चा में हैं। लेकिन चीन ने एक बार फिर से कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर किए गए अमेरिका के दावे को खारिज कर दिया है। चीन ने अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है जिसमें चीन में कोरोना की उत्पत्ति का दावा किया गया है। डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने रिपब्लिकन सांसदों की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया जिसमें बीजिंग पर COVID-19 की उत्पत्ति पर 'मानव इतिहास में सबसे बड़ा कवर-अप' का आरोप लगाया गया था।

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इसी हफ्ते की शुरुआत में अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की एक रिपोर्ट में ये दावा किया गया कि इस कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति चीन में हुई थी। बता दें कि इसके पहले अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कोरोना की उत्‍पत्ति को लेकर चीन को कटघरे में खड़ा किया था। इसके बाद अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्‍ष्‍ट्रपति जो बाइडन भी ट्रंप के स्‍टैंड पर कायम रहे। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन(डब्ल्यूएचओ) की टीम कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति को लेकर चीन के वुहान का दौरा कर चुकी है। इस रिपोर्ट से चीन पर फिर से सवाल खड़े हुए हैं।

इस हफ्ते की शुरुआत में कोरोना की उत्पत्ति की जांच करने वाली एक रिपब्लिकन सांसद की रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि कोरोना महामारी का प्रकोप आनुवंशिक रूप से संशोधित वायरस से हुआ है जो वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ था, जिसका पहली बार दिसंबर 2019 में पता चला था।

अमेरिकी रिपब्लिकन द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना महामारी को जन्म देने वाले कोरोना वायरस की उत्‍पत्ति चीन का वुहान लैब है। इस मुद्दे को लेकर पिछले साल से ही बहस हो रही है। खास बात यह है कि इस रिपोर्ट में इस बात को खारिज कर दिया गया है कि ये वायरस मीट बाजार में सामने आया। इसमें कहा गया है कि इसके पर्याप्त सबूत हैं कि यह सितंबर से पहले वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से लीक हुआ था, जबकि कई महीने बाद दुनिया ने इस बीमारी पर ध्यान देना शुरू किया।


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