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चीन के अधिकारी ने ही खोली उसके कोविड वैक्‍सीन की पोल, चिनफिंग सरकार ने अपनाया यह रुख

चीन की कोविड वैक्‍सीन (Chinese coronavirus vaccines) कितनी असरदार है इसको लेकर समय समय पर सवाल उठते रहे हैं। अब चीन के एक शीर्ष रोग नियंत्रण अधिकारी ने कहा है कि देश में विकसित किए गए कोविड टीके कम असरदार हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 05:13 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 12:24 AM (IST)
चीन के अधिकारी ने ही खोली उसके कोविड वैक्‍सीन की पोल, चिनफिंग सरकार ने अपनाया यह रुख
चीन के अधिकारी शी चिनफिंग सरकार के वैक्‍सीन फ्रॉड की पोल खोल रहे हैं।

बीजिंग, एपी। चीन की कोविड वैक्‍सीन कितनी असरदार है इसको लेकर समय समय पर सवाल उठते रहे हैं। अब चीन के अधिकारी ही उसके वैक्‍सीन फ्रॉड की पोल खोल रहे हैं। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के एक शीर्ष रोग नियंत्रण अधिकारी ने कहा है कि देश में विकसित किए गए कोविड टीके कम असरदार हैं। अधिकारी ने यह भी कहा है कि चीन की शी चिनफिंग सरकार इन टीकों को असरदार बनाने पर विचार कर रही है।

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चीन के रोग नियंत्रण केंद्र (China Centers for Disease Control) के निदेशक गाओ फू (Gao Fu) का कहना है कि चाइनीज वैक्‍सीन में बचाव दर बहुत ज्यादा नहीं है। वह शनिवार को चेंगदू शहर में एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि चीन में अब इस बात पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है कि क्या कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण में अलग-अलग टीकों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। 

गाओ फू (Gao Fu) का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब चीन ने अन्य देशों को कोविड वैक्‍सीन की करोड़ों खुराके दी हैं। यही नहीं चीन लगातार पश्चिमी देशों के टीकों के प्रभावी होने पर संशय पैदा करने की कोशिशें भी कर रहा है। सनद रहे कि ब्राजील के वैज्ञानिकों ने काफी पहले चीन की वैक्‍सीन निर्माता कंपनी सिनोवैक के कोविड रोधी टीकों के असरदार होने की दर 50.4 फीसद पाई थी। तब भी चीन की वैक्‍सीन पर सवाल उठे थे। 

बता दें कि चीन की वैक्‍सीन के मुकाबले फाइजर द्वारा बनाए गए टीके 97 फीसद असरदार पाए गए हैं। गाओ ने टीके के निर्माण में एमआरएनए तकनीक का भी जिक्र किया। इस तकनीक का इस्तेमाल पश्चिम देशों के वैक्‍सीन निर्माता करते हैं। इसके उलट चीन के वैक्‍सीन निर्माता पारंपरिक तकनीक पर ही भरोसा करते हैं। गाओ ने कहा कि हमें एमआरएनए तकनीक के लाभ के बारे में विचार करना चाहिए। ये टीके मानव जाति को लाभ पहुंचा सकते हैं। हमें इस तकनीक का अनुसरण करना चाहिए। 


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