मसूद अजहर के मामले में नहीं बदला चीन का रुख, अलाप रहा पुराना राग
यूएन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन ने बार-बार इस आतंकी पर बैन लगाने के भारत के कदम को अवरुद्ध किया है।
बीजिंग, प्रेट्र। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के मामले में चीन का रुख पहले की तरह से रहने वाला है। चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि अभी इस मामले में कोई सहमति नहीं बन सकी है। भारत व पाक इस पर बात आपस में करें। गौरतलब है कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने को लेकर भारत की अपील पर अमेरिका व ब्रिटेन ने सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पेश किया था। फरवरी में चीन ने इस पर वीटो लगा दिया।
उसके बाद फिर से अमेरिका यह प्रस्ताव लेकर आया तो अगस्त में चीन ने फिर अड़ंगा डाल दिया और तीन माह के लिए मसौदे को ठंडे बस्ते में डलवा दिया। अब उसकी मियाद खत्म होने में महज कुछ घंटे की शेष हैं। माना जा रहा है कि अजहर के मुद्दे पर अमेरिका फिर से सुरक्षा परिषद में मुखर होने वाला है। ऐसे में चीन का रुख क्या रहने वाला है, सभी की नजर इस पर लगी है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को हाल ही में दूसरे कार्यकाल मिला है। वह पहले से भी मजबूत होकर उभरे हैं।
ऐसे में चीन के रुख को लेकर कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चनिंग ने साफ कर दिया कि तकनीकी कारणों के चलते चीन ने अजहर के मामले में हस्तक्षेप किया था। वह पहलू अभी तक बरकरार है। बेशक सुरक्षा परिषद के 15 में से 14 देश इस प्रस्ताव के समर्थन में हैं, लेकिन चीन की आपत्ति सहमति को लेकर है। सुरक्षा परिषद के अनुच्छेद 1267 को लेकर सुरक्षा परिषद के सभी सदस्यों में सहमति जरूरी है। वैश्विक आतंकी घोषित होने पर मसूद अजहर के यात्रा व संपत्ति पर प्रतिबंध लागू हो जाता है।
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