चीन का सख्त रवैया, मुस्लिमों को जबरन भेज रहे ‘रीएजुकेशन कैंप’
चीन ने इस बात को अस्वीकार किया है लेकिन मुस्लिम समुदाय का कहना है कि उन्हें पकड़ जबरदस्ती ‘रीएजुकेशन’ कैंप में भेजा जा रहा है।
झारकेंट (जेएनएन)। चीन की सरकार अब अपने देश में इस्लाम को जड़ से खत्म करने के लिए काम कर रही है। चीन में मुस्लिमों को भी कई तरह की पाबंदियों का सामना करना पड़ता है। इस क्रम में अब चीन सरकार ने कथित तौर पर इंटर्नमेंट कैंप बनाया है और रीएजुकेशन के लिए बिना किसी आरोप ही मुस्लिम अल्पसंख्यकों को सामूहिक तौर पर हिरासत में ले लिया गया है।
बता दें कि शिनजियांग प्रांत में हिजाब पहनने, दाढ़ी बढ़ाने और रमजान महीने में रोजा रखने तक पर मनाही है। चीन की सरकार ने ध्वनि प्रदूषण का तर्क देते हुए सभी 355 मस्जिदों से लाउड स्पीकरों को हटाने के लिए पहले से ही आदेश दे चुकी है। मस्जिदों के ऊपर चीन का राष्ट्रीय झंडा लगाने का भी आदेश दिया गया है।
सायरागुल सैएतबे ने बताया कि 2,500 कजाख को विचारधारा बदलने के लिए जबरन कैंप में काम करने को रखा गया जिसके बाद सायरागुल बिना कागजात के ही चीन के शिनजियांग से कजाखिस्तान चली आई। यहां उनका पति और परिवार रहता है। अवैध रूप से सीमा पार करने के आरोप में सायरागुल को पकड़ा गया है। उन पर अब मुकदमा चलाया जा रहा है।
सायरागुल का दावा है कि चीन में शिक्षा के नाम पर बनाए गए कई कैंपों में हजारों लोगों को बंदी बनाकर रखा गया है। उन्होंने बताया, ‘चीन में इसे वे राजनीतिक कैंप कहते हैं लेकिन वास्तव में यह कैदखाना है।’ 41 वर्षीय सायरागुल कजाख चीनी नागरिक हैं और पहले ये चीनी सरकार के लिए काम कर चुकी हैं। कजाखिस्तान में 20 अन्य लोगों से वाशिंगटन पोस्ट द्वारा लिए गए एक साक्षात्कार में भी यही बातें सामने आई।
चीन के अधिकारियों ने हालांकि इस तरह के कोई केंद्र होने से इनकार किया है। महिला ने कहा कि उसे केंद्र में चीन के कर्मचारी के तौर पर रखा गया था। वहां करीब 2,500 कजाख थे। चीन में इसे राजनीतिक कैंप कहा जाता है लेकिन वास्तव में यह पहाड़ों में स्थित एक जेल है। सायरागुल ने कहा कि अधिकारियों ने उनसे कहा था कि कभी कजाखिस्तान नहीं जाने दिया जाएगा, जहां उनका परिवार रहता है। वह अप्रैल में सीमा पार कर कजाखस्तान में अपने परिवार के पास पहुंची थी, लेकिन गत 21 मई को गिरफ्तार कर लिया गया था। चीन के शिनजियांग प्रांत में करीब 15 लाख कजाख रहते हैं।
इन कैंपों में मुस्लिम अल्पसंख्यकों को दिनभर कम्युनिस्ट पार्टी के पक्ष में बोलना पड़ता है। वो ऐसे गीत गाते रहते हैं जिसका अर्थ है- ‘कम्युनिस्ट पार्टी के बिना नया चीन नहीं।’