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नेपाल के व्यापारियों ने चीन के खिलाफ किया प्रदर्शन, लगाया अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन का आरोप

चीन अब नेपाल पर भी अपनी मनमानी थोपने की कोशिशें कर रहा है। नेपाल से होने वाले व्यापार में वह अघोषित अवरोध पैदा कर रहा है। सीमा के रसूवा जिले में इन्‍हीं दिक्कतों के विरोध में चीन के खिलाफ व्यापारियों ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 08:21 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 08:21 PM (IST)
नेपाल के व्यापारियों ने चीन के खिलाफ किया प्रदर्शन, लगाया अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन का आरोप
नेपाल के व्यापारियों (Nepal Businessmen) में चीन के खिलाफ जबर्दस्त रोष है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

काठमांडू, एएनआइ। चीन अब नेपाल पर भी अपनी मनमानी थोप रहा है। नेपाल से होने वाले व्यापार में वह अघोषित अवरोध पैदा कर रहा है। इन स्थितियों से नेपाल के व्यापारियों (Nepal Businessmen) में जबर्दस्त रोष है। सीमा के रसूवा जिले में दिक्कतों के विरोध में चीन के खिलाफ व्यापारियों ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया। व्यापारियों का यह प्रदर्शन रसूवागढ़ी कस्टम कार्यालय के सामने हुआ। इस प्रदर्शन में व्यापारी चीन के खिलाफ तख्तियां लेकर आए थे।

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व्यापारियों का कहना है कि सीमा पर चीनी एजेंट जमकर रिश्वत लेने के बाद ही सीमा पार से सामान आने देते हैं। चीन अंतरराष्ट्रीय नियमों का भी उल्लंघन कर रहा है। उनका कहना था कि चीनी अधिकारियों ने उनके कंटेनर आने में अघोषित व्यवधान कर रखा है। इससे पहले तातोपानी चेक पोस्ट पर भी व्यापारियों ने प्रदर्शन किया था। नेपाल के उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्री लेखराज खट्टा भी चीन के व्यवहार पर असंतोष जाहिर कर चुके हैं।

लेखराज खट्टा ने चीन के द्वारा निरंतर व्यापार में अवरोध उत्पन्न करने की भी आलोचना की थी। यही नहीं चीन से नजदीकियों के कारण ही नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का कार्यकाल हमेशा विवादों में घिरा रहा है। बीते दिनों एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन की नजर नेपाल की जमीन पर भी गड़ी है। नेपाल में भूमि सर्वेक्षण करने वाले विभाग ने बीते जुलाई-अगस्त में कहा था कि चीन ने कोरलांग क्षेत्र में पिलर संख्या 57 के पास अतिक्रमण किया है।

चीन का यह रवैया केवल नेपाल के साथ ही नहीं है। मौजूदा वक्‍त में वह दक्षिण चीन सागर में भी अपनी विस्‍तारवादी नीति को अंजाम देने में जुटा है। यही नहीं भारत के साथ भी उसका सीमा पर तनाव बरकरार है। ताइवान के मामले में चीन ने आक्रामक रुख अपना रखा है। हाल ही में चीन ने ताइवान को चेतावनी दी थी कि यदि उसने स्वतंत्रता की बात की तो इसका सीधा मतलब युद्ध होगा। चीन का कहना है कि ताइवान उसका अभिन्न अंग है।


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