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नेपाल में चीन के खिलाफ मुसलमानों का प्रदर्शन, शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के नरसंहार का किया विरोध

नेपाल के बीरगंज शहर में चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के नरसंहार पर विरोध जताने के लिए जमीयत उलेमा-ए-नेपाल ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस बीच रेलवे सहयोग पर भारत और नेपाल के अधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बातचीत की।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 08:36 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 08:36 PM (IST)
नेपाल में चीन के खिलाफ मुसलमानों का प्रदर्शन, शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के नरसंहार का किया विरोध
चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के नरसंहार पर विरोध जताने के लिए जमीयत उलेमा-ए-नेपाल ने जोरदार प्रदर्शन किया।

काठमांडू, एएनआइ/पीटीआइ। जमीयत उलेमा-ए-नेपाल ने नेपाल के बीरगंज शहर में चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के नरसंहार पर विरोध जताने के लिए जोरदार प्रदर्शन किया। गुरुवार के प्रदर्शन का नेतृत्व जमीयत उलेमा-ए-नेपाल के चेयरमैन मौलाना अली असगर मदानी कासमी ने किया। इस बीच रेलवे सहयोग पर भारत और नेपाल के संयुक्त कार्यदल की शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बातचीत हुई।

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प्रदर्शनकारी चीन में अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय पर अत्याचार विरोधी प्लेकार्ड लिए हुए थे। उन्होंने काठमांडू में चीन के दूतावास को एक मेमोरेंडम भेजकर शिनजियांग में मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं की निंदा भी की है। पिछले छह वर्षों के दौरान लाखों उइगर लोगों को कैंपों और जेलों में रखा गया है। प्रेक्षकों के अनुसार, अंगों के लिए इन लोगों की हत्या कर दी जाती है। महिलाओं के साथ दुष्कर्म के बाद उनकी नसबंदी कर दी जाती है या मार डाला जाता है।

इस बीच रेलवे सहयोग पर भारत और नेपाल के संयुक्त कार्यदल की शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक हुई। इसमें सीमापार रेल लिंक परियोजनाओं की समीक्षा की गई जिनसे दोनों देशों के लोगों को फायदा होगा। भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर बताया कि भारत-नेपाल संयुक्त कार्यदल की चौथी बैठक में दोनों देशों ने जयनगर- बिजलपुरा-बर्दिबास और जोगबनी- बिराटनगर के बीच रेल लिंक परियोजनाओं की समीक्षा की।

दोनों पक्षों ने भारत में जयनगर और नेपाल में कुर्था के बीच यात्री ट्रेन सेवा के लिए पूर्ण हो चुके 34 किमी के सेक्शन पर तकनीकी तैयारियों के संबंध में चर्चा की। इसमें नेपाल रेलवे कंपनी (एनआरसी) द्वारा यात्री ट्रेन सेवाओं की बहाली के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाया जाना शामिल है।

यह मूल रूप से नैरो गेज सेक्शन था जिसका निर्माण ब्रिटिश काल में अंग्रेजों ने कराया था, भारत सरकार ने 380 करोड़ रुपये की लागत से इसे ब्राड गेज में परिवर्तित किया। दोनों पक्षों ने निर्माणाधीन कुर्था से बिजलपुरा सेक्शन पर भी चर्चा की जिसे भारत सरकार 200 करोड़ रुपये की लागत से बनवा रही है।


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