जेल में बंद वकीलों पर शोध कर रहे जर्मन छात्र को चीन ने निकाला
24 वर्षीय डेविड बीजिंग स्थित प्रतिष्ठित सिंगुआ यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता और संचार में मास्टर्स डिग्री की पढ़ाई कर रहे हैं।
बीजिंग, एपी। चीन में पत्रकारिता की पढ़ाई कर रहे जर्मन छात्र डेविड मिसाल को जेल में बंद मानवाधिकार वकीलों की हालत पर शोध करना महंगा पड़ गया। इससे खफा चीनी प्रशासन ने डेविड को देश छोड़ने का हुक्म सुना दिया।
24 वर्षीय डेविड बीजिंग स्थित प्रतिष्ठित सिंगुआ यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता और संचार में मास्टर्स डिग्री की पढ़ाई कर रहे हैं। अपने एक प्रोजेक्ट के तहत वह जेल में बंद मानवाधिकारों की पैरवी करने वाले वकीलों पर शोध कर रहे थे। लेकिन उनके शोध के बारे में जब सिंगुआ यूनिवर्सिटी को पता चला तो उसके प्रतिनिधि ने इसे संवेदनशील राजनीतिक मुद्दा बताकर दो बार उन्हें इस पर शोध बंद करने की चेतावनी दी थी।
डेविड ने कहा, 'इसके बाद भी मैंने शोध जारी रखा क्योंकि मैं चीनी समाज और राजनीति को समझना चाहता था।' उल्लेखनीय है कि चीन ने नौ जुलाई, 2015 को देशभर में 300 मानवाधिकार वकीलों और कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया था क्योंकि उन्होंने सरकार के खिलाफ आवाज उठाई थी। यूनिवर्सिटी ने डेविड को देश छोड़ने का आदेश दिए जाने के बारे में कोई टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।