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चीन के भीतर से ही उठी आवाज, बीजिंग से मुकाबले के लिए क्वाड देश करें आर्थिक हितों का संरक्षण

चीन के भीतर से आवाज उठी है कि बीजिंग से लड़ने के लिए क्वाड देशों को भी व्यापारिक हितों की संधि करनी होगी। यदि चीन किसी भी देश के आर्थिक हितों को चोट पहुंचाता है तो अन्य देश उसको सुरक्षा देने का काम करें।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 07:41 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 07:52 PM (IST)
चीन के भीतर से ही उठी आवाज, बीजिंग से मुकाबले के लिए क्वाड देश करें आर्थिक हितों का संरक्षण
बीजिंग से लड़ने के लिए क्वाड देशों को भी व्यापारिक हितों की संधि करनी होगी।

वाशिंगटन, एएनआइ। दुनिया के कई मुल्‍क चीन को खतरा मानते हैं। चीन में राजनीतिक बंदी के रूप में रहे जैनली यांग और यूरोप की धार्मिक स्वतंत्रता फोरम के अध्यक्ष आरोन रोड्स का भी यही मानना है। इन नेताओं ने कहा है कि चीन से लड़ने के लिए क्वाड देशों को भी व्यापारिक हितों की संधि करनी होगी। तभी इस गठजोड़ की उपयोगिता सिद्ध होगी। यदि चीन किसी भी देश के आर्थिक हितों को चोट पहुंचाता है, तो अन्य देश उसको सुरक्षा देने का काम करें।

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उन्होंने द हिल में लिखे एक लेख में कहा है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के लिए क्वाड ही सही जवाब होगा। दशकों से चीन दबाव में अपने सहयोगी बनाता रहा है और फिर जो व्यापारिक सहयोगी उसके हिसाब से नहीं चलते हैं, उन पर प्रतिबंध लगाता है। पिछले दिनों आस्ट्रेलिया के साथ भी उसने यही किया।

आस्ट्रेलिया ने जब हुआवे पर प्रतिबंध लगाया और कोरोना की विश्वस्तरीय जांच की मांग की तो चीन ने आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए, जिससे आस्ट्रेलिया को आर्थिक नुकसान हुए। क्वाड को लेकर चीन परेशान जरूर है, लेकिन अब इसमें शामिल देशों अमेरिका, आस्ट्रेलिया, भारत और जापान को आर्थिक गठजोड़ बनाकर एक दूसरे के हितों का संव‌र्द्धन भी करना पड़ेगा। वही चीन का सही जवाब होगा। 

असल में क्‍वाड समूह के देशों से चीन की घबराहट भी किसी से छिपी नहीं है। क्वाड को लेकर चीन की बेचैनी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। हाल ही में चीन ने बांग्लादेश को क्‍वाड में शामिल नहीं होने की चेतावनी दी थी। चीन ने बांग्लादेश को धमकी दी थी कि वह यदि चीन विरोधी गठबंधन में शामिल होता है तो इससे बीजिंग के साथ द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान होगा। 


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