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चीनी नौसेना के फ्लीट रिव्यू में भारत के दो युद्धपोतों ने लिया हिस्सा

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (प्लान) के 32 युद्धपोतों ने छह समूहों में फ्लीट रिव्यू में हिस्सा लिया। जबकि चीनी नौसेना के 39 युद्धक विमानों ने 10 समूहों में उड़ान भरी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 23 Apr 2019 08:04 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 08:04 PM (IST)
चीनी नौसेना के फ्लीट रिव्यू में भारत के दो युद्धपोतों ने लिया हिस्सा
चीनी नौसेना के फ्लीट रिव्यू में भारत के दो युद्धपोतों ने लिया हिस्सा

बीजिंग, प्रेट्र। चीनी नौसेना की 70वीं वर्षगांठ पर दो भारतीय युद्धपोतों आइएनएस कोलकाता और आइएनएस शक्ति ने फ्लीट रिव्यू में हिस्सा लिया। खास बात यह है कि चीन के सदाबहार दोस्त पाकिस्तान ने इस मौके पर अपना कोई पोत नहीं भेजा। वहीं, अमेरिका का भी कोई पोत फ्लीट रिव्यू में शामिल नहीं हुआ। लेकिन रूस, जापान, वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर समेत करीब 13 देशों के 18 युद्धपोतों ने इसमें हिस्सा लिया।

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चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (प्लान) के 32 युद्धपोतों ने छह समूहों में फ्लीट रिव्यू में हिस्सा लिया। जबकि चीनी नौसेना के 39 युद्धक विमानों ने 10 समूहों में उड़ान भरी। फ्लीट रिव्यू की सलामी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ली।

इस मौके पर चीन ने अपने पहले विमानवाहक पोत 'लियॉनिंग' के अलावा अपनी अत्याधुनिक पनडुब्बियों, विध्वंसकों और युद्धक विमानों को प्रदर्शित किया। इस दौरान आकाश में बादल छाए हुए थे और हल्की बारिश हो रही थी।

मालूम हो कि 'लियॉनिंग' पूर्व सोवियत संघ के पोत का संशोधित रूप है। इसे 2012 में चीनी नौसेना में शामिल किया गया था। चीन ने दूसरे विमानवाहक पोत का निर्माण खुद किया है जिसका ट्रायल चल रहा है। जबकि तीसरे का निर्माण तीव्र गति से जारी है।

एक भारतीय राजनयिक ने बताया कि चीनी नौसेना के इस ऐतिहासिक अवसर पर भारतीय युद्धपोतों की भागीदारी की चीनी अधिकारियों ने जमकर सराहना की है। इसे दोनों देशों के सैन्य संबंधों में सुधार के रूप में देखा जा रहा है।

चिनफिंग ने दिया शांति का संदेश
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने फ्लीट रिव्यू का उद्घाटन करते हुए दुनिया को शांति का संदेश दिया। उन्होंने कहा, 'चीन के लोग शांतिप्रिय हैं। दुनिया के देशों को एक-दूसरे को बल प्रयोग की धमकी नहीं देनी चाहिए।' विदेशी नौसेनाओं के अधिकारियों के साथ बैठक में चिनफिंग ने कहा, 'दुनिया की नौसेनाओं को समुद्री शांति की रक्षा के लिए मिल जुलकर काम करना चाहिए। सभी एक-दूसरे का सम्मान करें और परस्पर समुद्री विश्वास को बढ़ाएं।'


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