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चीन में 'इंक गर्ल' का समर्थन करने वाला हिरासत में, राष्ट्रपति चिनफिंग के पोस्टर पर स्याही फेंकने से जुड़ा मामला

राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पोस्टर पर स्याही डालने वाली लड़की से जुड़ा मामला। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पोस्टर पर 2018 में स्याही फेंककर इंक गर्ल के नाम से सुर्खियों में आई लड़की का किया था समर्थन।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 07:25 AM (IST)Updated: Sun, 06 Dec 2020 07:25 AM (IST)
चीन में 'इंक गर्ल' का समर्थन करने वाला हिरासत में, राष्ट्रपति चिनफिंग के पोस्टर पर स्याही फेंकने से जुड़ा मामला
चीन में इंक गर्ल का समर्थन करने वाला एक कार्यकर्ता हिरासत में। (फोटो: दैनिक जागरण)

बीजिंग, एएनआइ। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पोस्टर पर 2018 में स्याही फेंककर 'इंक गर्ल' के नाम से सुर्खियों में आई लड़की का समर्थन करने वाले एक कार्यकर्ता को हिरासत में ले लिया गया है। हुनान प्रांत के झूझाउ शहर में पुलिस ने 'झगड़ा और परेशानी' बढ़ाने के आरोप में गुरुवार को ओउ बिओफेंग नामक शख्स को 15 दिन के लिए प्रशासनिक हिरासत में लिया।

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यह ख्रबर हांगकांग फ्री प्रेस ने ओउ की पत्नी वेई हुआनहुआन के ट्विटर अकाउंट के हवाले से दी है। बता दें कि डांग याओक्विोंग ने कम्युनिस्ट पार्टी पर विचारों पर नियंत्रण करने का आरोप लगाते हुए लाइव स्ट्रीमिंग वीडियो में शी चिनफिंग के एक पोस्टर पर स्याही छिड़क दी थी। इसी के बाद से वह 'इंक गर्ल' के नाम से सुर्खियों में आ गई।

सोमवार को जारी एक नए वीडियो में डांग ने कहा है कि एक मनोरोगी सुविधा केंद्र से रिहा होने के बाद सघन निगरानी के कारण वह टूटने के कगार पर पहुंच गई है। जापान टाइम्स ने डांग के मित्रों के हवाले से बताया है कि 2018 की घटना के बाद से उसे (डांग) दो बार जबरदस्ती मनोरोगी सुविधा केंद्र में भर्ती कराया गया। फिलहाल उसके बारे में कोई सूचना नहीं है। ओउ ने डांग के समर्थन में उसकी ओर से ट्वीट और रीट्वीट किया, लेकिन अब उसे डिलीट कर दिया है।

फ्रांस में प्रस्तावित पुलिस बिल के खिलाफ प्रदर्शन

फ्रांस में सुरक्षा संबंधी एक प्रस्तावित बिल के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और जोरदार प्रदर्शन किया। पेरिस में प्रदर्शनकारियों ने कई कारों को आग के हवाले कर दिया, दुकानों की खिड़कियां तोड़ दी और पुलिस बैरिकेड्स को भी जला दिया। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों कानून व्यवस्था को सख्त बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसी के तहत प्रस्तावित बिल में पुलिस अधिकारियों को गलत तरीके से इंटरनेट मीडिया पर दिखाने के खिलाफ कानून बनाया जा रहा है। सरकार ने संसद में बिल पेश कर दिया है। 


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