हांगकांग में बढी चिंता, चीनी न्यायिक क्षेत्र के दायरे में आया रेलवे स्टेशन
हांगकांग के एक रेलवे स्टेशन का कुछ हिस्सा चीन के न्यायिक क्षेत्र के दायरे में आ गया है। यहां होने वाले किसी भी अपराध का निपटारा अब चीनी कानून से होगा।
नई दिल्ली (एजेंसी)। हांगकांग के एक हाईस्पीड रेलवे स्टेशन का कुछ हिस्सा मंगलवार से अब चीन के न्यायिक अधिकार के दायरे में आ गया। इस क्षेत्र में होने वाले किसी भी अपराध का निपटारा अब चीन के कानूनों के तहत ही किया जाएगा। इस अप्रत्याशित व्यवस्था से चीन शासित हांगकांग की स्वायत्तता को लेकर वहां अब नागरिकों ने चिंता जाहिर की गई है। हांगकांग के लोकतंत्र समर्थकों ने इस व्यवस्था को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया है।
हांगकांग और चीन के अधिकारियों ने सोमवार रात को हाथ मिलाकर पश्चिमी कोलून जिले के नए रेलवे स्टेशन में इस नई व्यवस्था की शुरुआत की। हालांकि मीडिया को इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। हांगकांग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरी लाम ने लोगों की आशंकाओं को भी दूर करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, गोपनीय तरीके से कुछ भी शुरू नहीं किया जा रहा है, सरकार इस प्रोजेक्ट को पारदर्शी बनाने का प्रयास कर रही है। हांगकांग सरकार ने एक बुकलेट में कहा कि चीन के अधिकारी स्टेशन के एक हिस्से में कस्टम और आव्रजन की ड्यूटी का निर्वहन करेंगे। उन पर सार्वजनिक व्यवस्था को बनाए रखने की भी जिम्मेदारी होगी। हांगकांग के मिंग पाओ अखबार ने दावा किया है कि 80 सुरक्षा अधिकारियों समेत 700 चीनी कर्मचारी स्टेशन पर तैनात किए जाएंगे। यह स्टेशन 23 सितंबर से आम लोगों के लिए खोलने की योजना है।
संवैधानिक गारंटी के साथ चीन को सौंपा था हांगकांग
ब्रिटेन ने साल 1997 में इस संवैधानिक गारंटी के साथ चीन को हांगकांग सौंपा था कि वह यहां की स्वतंत्र कानून व्यवस्था समेत अधिकारों और आजादी को कायम रखेगा। जबकि इस तरह के अधिकार और आजादी चीन में नागरिकों को नहीं दी गई है। लिहाजा स्थानीय नागरिकों में इस बात को लेकर चिंता जाहिर की गई है।