हांगकांग पर दोहरी मार, सियासी बवाल के बीच अब कोरोना के कम्यूनिटी आउटब्रेक का भी खतरा
हांगकांग में एक बार फिर से कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता दिखाई दे रहा है। अधिकारियों की मानें तो इसके कम्यूनिटी स्प्रेड से ये खतरा बढ़ गया है।
हांगकांग (रॉयटर्स)। बीते कुछ समय से तेज होती सियासी हलचल और विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहे हांगकांग में जानलेवा कोरोना वायरस समुदाय के बीच फैल चुका है। रॉयटर्स ने स्वास्थ्य अधिकारियों के हवाले से बताया है कि हांगकांग कोरोना के कम्यूनिटी स्प्रेड की समस्या से जूझ रहा है। दोबारा इस समस्या का सामना करने वाले हांगकांग में इसके पीछे की वजह बाहर से आया संक्रमण है, जो हाल के कुछ दिनों में बढ़ गया है। कंट्रोलर ऑफ द सेंटर फॉर हेल्थ प्रोटेक्शन ऑफ द डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ के वॉन्गका हिंग के मुताबिक आने वाले कुछ दिन हांगकांग के लिए काफी मुश्किल भरे हो सकते हैं।
समाचार एजेंसी के मुताबिक चीन शासित हांगकांग में मंगलवार को 14 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से पांच मामलों को बाहरी जबकि नौ मामलों को अंदरुणी बताया गया है। हालांकि जिन मामलों को अंदरुणी बताया गया है, डॉक्टर अब तक उसके स्रोत का पता नहीं लगा सके हैं। गौरतलब है कि जनवरी से लेकर अब तक हांगकांग में इसके कुल 1300 मामले सामने आए हैं। यहां पर इस जानलेवा वायरस की वजह से सात लोगों की जान तक जा चुकी है।
आपको बता दें कि हांगकांग में वर्ष 2019 से ही लगातार सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। बीते वर्ष इन्हीं दिनों में हांगकांग की सरकार द्वारा लाए गए एक विवादित बिल के खिलाफ हांगकांग में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन और आगजनी की घटनाएं हुई थीं। ये दौर तब तक चला था जब तक चीन में कोरोना वायरस की शुरुआत नहीं हुई थी। जैसे-जैसे कोरोना वायरस ने चीन को अपनी चपेट में लिया वैसे-वैसे हांगकांग में भी प्रदर्शन की आग ठंडी होने लगी थी। लेकिन सरकार के खिलाफ ये आग लगातार सुलग भी रही थी। चीन से कोरोना वायरस के खत्म या कम होने के साथ-साथ हांगकांग में फिर प्रदर्शनकारी सड़कों पर आ गए।
इन विरोध प्रदर्शनों में हाल ही में चीन की संसद में पास राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ने आग में घी का काम किया है। इसकी वजह से एक बार से चीन में जहां विरोध प्रदर्शन बड़े पैमाने पर हो रहे हैं वहीं लगातार पुलिस प्रदर्शनकारियों की धरपकड़ भी कर रही है। हांगकांग के प्रति चीन के रवैये को देखते हुए कई देशों ने इसमें हस्तक्षेप करते हुए चीन को आड़े हाथों भी लिया है। वहीं चीन लगातार इसको अंदरुणी मामला बताकर अन्य देशों को इससे दूर रहने की हिदायत देता रहा है। हाल ही में ब्रिटेन ने जब हांगकांग के लोगों को अपने देश की नागरिकता देने की बात कही थी तो उस पर भी चीन की सरकार ने कड़ा रुख अपनाया था। इन विरोध प्रदर्शनों के बीच कोरोना के कम्यूनिटी स्प्रेड ने खतरा और अधिक बढ़ा दिया है।
जहां तक हांगकांग की बात है तो आपको बता दें कि जानकार मानते हैं कि हांगकांग अब पहले जैसा बिजनेस हब नहीं रहा है। जेएनयू के प्रोफेसर बीआर दीपक का मानना है कि हस्तांतरण के एक दशक बाद तक भी हांगकांग बिजनेस हब हुआ करता था। लेकिन अब उसकी स्थिति बदल गई है। चीन ने यहां के हालात को भांपते हुए इसके समानांतर दूसरे शहरों को बिजनेस हब के तौर पर विकसित किया। इसका नतीजा ये हुआ है कि अब हांगकांग अन्य व्यापारिक शहरों की तुलना में काफी पीछे हैं। यहां पर अब पहले की बराबर कंपनियों के दफ्तर भ्ज्ञी नहीं रह गए हैं।
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