हांगकांग हवाई अड्डे पर चौथे दिन भी प्रदर्शन, सभी फ्लाइटें रद, चीन ने आतंकवाद से जोड़ा
Protest in Hong Kong हांगकांग में एयरपोर्ट पर सोमवार को चौथे दिन भी प्रदर्शन हुए जिसे देखते हुए हवाईअड्डा प्राधिकरण ने दोपहर के बाद पूरे दिन के लिए सभी उड़ानें रद कर दी।
हांगकांग, रॉयटर। Protest in Hong Kong हांगकांग में प्रदर्शनों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हांगकांग में एयरपोर्ट पर सोमवार को चौथे दिन भी प्रदर्शन हुए जिसे देखते हुए हवाईअड्डा प्राधिकरण ने दोपहर के बाद पूरे दिन के लिए सभी उड़ानें रद कर दी। हालांकि, जिन फ्लाइटों की चेक इन हो चुकी है वे रद नहीं की गई हैं। अधिकारियों की ओर से बताया गया कि हवाई अड्डे की ओर जाने वाली सड़कों पर काफी भीड़ थी और कार पार्किंग की जगह भी भर चुकी थी।
इस बीच चीन ने हांगकांग में पुलिस अधिकारियों पर पेट्रोल बम फेंकने वाले प्रदर्शनकारियों की निंदा की है और हिंसा को आतंकवाद से जोड़ दिया है। स्टेट काउंसिल के हांगकांग और मकाऊ मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता यांग गुआंग ने कहा कि ऐसे प्रदर्शन हांगकांग के कानून के नियमों और सामाजिक व्यवस्थाओं को ध्वस्त करते हैं। कल यानी रविवार को भी प्रदर्शनकारियों ने लगातार 10वें हफ्ते सड़कों पर प्रदर्शन किया था। हांगकांग पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े थे।
बता दें कि लोकतंत्र समर्थकों का आंदोलन तीन महीनों से लगातार जारी है। इससे पहले रिपोर्टों में यह कहा गया था कि हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों ने अपने प्रदर्शन की रणनीति बदल दी है। वे अब पुलिस-प्रशासन से सीधे भिड़ने के बजाय ‘हिट एंड रन’ (वार करो और भाग जाओ) की तरह प्रदर्शन को अंजाम दे रहे हैं।
प्रदर्शन में शामिल एक 17 वर्षीय छात्र ने बताया, ‘अब पुलिस-प्रशासन से सीधे टकराने के बजाय हम छोटे-छोटे समूहों में अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और पुलिस के पहुंचने से पहले वहां से चले जाते हैं। उनसे सीधे भिड़ने के बजाय हम उनके लिए और ज्यादा मुश्किलें पैदा कर रहे हैं।’ आंदोलन में प्रदर्शनकारी अपने परिवार और बच्चों के साथ भी शामिल हो रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इससे आंदोलन का महत्व बच्चों को भी समझ में आएगा। ज्ञात हो कि हांगकांग में विरोध प्रदर्शन एक विवादित विधेयक के लाए जाने के खिलाफ शुरू हुए थे, जिसमें प्रावधान किया गया था कि अपराधियों को चीन में मुकदमा चलाने के लिए प्रत्यर्पित किया जा सकेगा। हालांकि, सरकार ने इस विधेयक को स्थगित कर दिया है, लेकिन अब यह लोकतंत्र का आंदोलन बन गया है।
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