हांगकांग में लोकतंत्र की मांग करने वाले जोशुआ वॉन्ग को हो सकती है तीन साल की कैद, प्रदर्शन से जुड़े मामलों में हैं आरोप
हांगकांग में लोकतंत्र की मांग वाले आंदोलन के प्रमुख चेहरा बने जोशुआ वॉन्ग की आवाज दबाने के लिए चीन सख्त कार्रवाई कर सकता है। हांगकांग की सरकार ने 2019 में हुए प्रदर्शन के सिलसिले में उन्हें दो मामलों में दोषी मानने की कोर्ट से अपील की है।
हांगकांग, एएनआइ। हांगकांग में लोकतंत्र की मांग वाले आंदोलन के प्रमुख चेहरा बने जोशुआ वॉन्ग को सोमवार को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। 2019 में हुए प्रदर्शन के सिलसिले में अभियोजन पक्ष ने उन्हें दो मामलों में दोषी मानने की कोर्ट से अपील की है। दो दिसंबर को उनके लिए सजा का एलान हो सकता है।
हांगकांग में चीन ने एक जुलाई से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया है। इसके चलते वहां पर चीन के खिलाफ किसी तरह का प्रदर्शन और बयानबाजी अब दंडनीय अपराध बन गई है। अक्टूबर में पुलिस ने लोकतंत्र की मांग वाले आंदोलन से जुड़े कई प्रमुख लोगों को गिरफ्तार किया था।
जोशुआ को भी 21 जून, 2019 में बिना अनुमति के प्रदर्शन के लिए एकत्रित भीड़ में शामिल होने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। मामले में जोशुआ के साथ उनके दो सहयोगी- एग्नेस चो और इवान लैम भी आरोपी हैं। उनके वकील के अनुसार जोशुआ और उनके साथियों को तीन साल तक की सजा हो सकती है।
कोर्ट में हुई सुनवाई में जोशुआ पर दो मामलों (उत्तेजना फैलाने और भीड़ में शामिल होने) में आरोप साबित हुए हैं, लेकिन अभियोजन पक्ष तीसरे मामले में उनकी सहभागिता साबित नहीं कर पाया। तीसरा आरोप जोशुआ के प्रदर्शन में शामिल होने का था। लैम पर उत्तेजना फैलाने का आरोप है जबकि चो पर उत्तेजना फैलाने और प्रदर्शन में शामिल होने के आरोप हैं।
जोशुआ वॉन्ग ने सीएनएन से कहा है- उनके लिए सजा का एलान हैरान करने वाला नहीं होगा। लेकिन जेल की सलाखें, चुनाव पर प्रतिबंध और इस तरह की कोई भी गैरकानूनी बंदिश हमें रोक नहीं सकती। एक दिन हम जरूर सफल होंगे। हम आजादी के लिए कोई भी बलिदान देने के लिए तैयार हैं।
हाल ही में हांगकांग (Hong Kong) के मसले पर अमेरिका की अगुवाई में पांच देशों के एक समूह ने चीन (China) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। अमेरिका के अलावा इस समूह में शामिल ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड औरब्रिटेन ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा था कि चीन 'जनप्रतिनिधि' का चुनाव करने के हांगकांग के लोगों के अधिकारों को कम ना करे।