Move to Jagran APP

सरकार द्वारा संचालित मीडिया चीन में लिंग आधारित भेदभाव के दावों का किया खंडन

चीन की 1.4 अरब आबादी में लगभग आधी महिलाएं हैं। वहीं लगभग 9.2 करोड़ CCP सदस्यों में लगभग 2.8 करोड़ महिलाएं शामिल हैं। बता दे कि सीसीपी के कुल सदस्यों में लगभग 30 फीसद महिलाएं हैं। चीन की राजनीतिक व्यवस्था के शीर्ष क्षेत्रों में महिलाओं का सीमित प्रतिनिधित्व है।

By Ashisha RajputEdited By: Published: Sat, 14 May 2022 03:59 PM (IST)Updated: Sat, 14 May 2022 03:59 PM (IST)
सरकार द्वारा संचालित मीडिया चीन में लिंग आधारित भेदभाव के दावों का किया खंडन
चीन में वरिष्ठ नेतृत्व पदों पर केवल 8 फीसद से कम पर महिलाएं हैं।

बीजिंग, एएनआइ। हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, समाज में कई स्थानों से पुरुषों और महिलाओं को लेकर भेदभाव की खबरे सामने आती हैं। ऐसा ही एक किस्सा चीन से उभरकर सामने आया है, जहां पर चीन का एक दावा गलत साबित हो गया है। देश के कार्यस्थल पर लिंग-आधारित भेदभाव नहीं करने और सभी को समान अवसर प्रदान करने की बात गलत बताई गई है। बता दें कि दो सरकारी-नियंत्रित मीडिया साइटों ने मार्च 2022 में बीजिंग की वार्षिक कार्य रिपोर्ट को अस्वीकार करने में लगभग एक महीने का समय लगा दिया। यूएस-चाइना इकोनामिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन ने एक रिपोर्ट में कहा कि चीन की राजनीतिक व्यवस्था के शीर्ष क्षेत्रों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व और आवाज आज तक सीमित है।

loksabha election banner

क्या कहते हैं आकड़े

संयुक्त राष्ट्र के 2021 के आंकड़ों के अनुसार, चीन की कुल आबादी में लगभग 70.38 करोड़ महिलाएं और 74.04 करोड़ पुरुष शामिल हैं, जिनमें से लगभग 48.7 फीसद आबादी कार्यस्थलो का प्रतिनिधित्व करती है, वहीं चीन में वरिष्ठ नेतृत्व पदों पर केवल 8 फीसद से कम पर महिलाएं हैं।

चीनी कम्युनिस्ट यूथ लीग का विवादास्पद पोस्ट

बता दें कि इसी साल 12 अप्रैल 2022 को चीनी कम्युनिस्ट यूथ लीग की सेंट्रल कमेटी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक ऐसा ट्वीट जारी किया था, जिसके बाद बड़े विवाद हुए, जिसमें इनसाइड ओवर के अनुसार, कुछ महिला सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को कम्युनिस्ट पार्टी के युवा विंग द्वारा विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं के प्रचार और फोटो विकल्पों पर सवाल उठाने के लिए जमकर विरोध किया और ट्वीट को 'कट्टरपंथी नारीवादी' करार दिया गया था। वहीं चीनी कम्युनिस्ट यूथ लीग द्वारा किए गए दावों और विवादास्पद पोस्ट पर जनता ने नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है। इस पोस्ट पर जनता का गुस्सा इस कदर फुट कि 270 हजार से अधिक नकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त करने के बाद चीनी कम्युनिस्ट यूथ लीग ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर टिप्पणियों को हटा दिया।

इसके ठीक विपरीत, समस्याग्रस्त सोशल मीडिया पोस्ट में प्रमुख ऐतिहासिक घटनाओं में महिलाओं के योगदान की प्रशंसा की गई थी। इनसाइड ओवर ने रिपोर्ट किया, '2016 में, चीनी सेना के मीडिया प्रकाशन, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी डेली ने लाल सेना में लड़ने वाली 2 हजार से अधिक महिला सैनिकों को सम्मानित किया। चीनी मीडिया ने 2009 में चीनी केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए महिलाओं की प्रशंसा की।' चीनी कम्युनिस्ट यूथ लीग की जनसंपर्क तबाही के ठीक एक हफ्ते बाद, चीनी पीपुल्स पालिटिकल कंसल्टेटिव कान्फ्रेंस डेली (सीपीपीसीसी डेली), चीन के आधिकारिक राजनीतिक सलाहकार निकाय के आधिकारिक मीडिया आउटलेट ने और भी अधिक विवादास्पद पोस्ट जारी की। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.