लिथुआनिया विवाद में चीन के खिलाफ डब्ल्यूटीओ पहुंचा यूरोपीय संघ, दर्ज कराई शिकायत, जानें क्या कहा
यूरोपीय संघ ने कहा कि उसने लिथुआनिया से भेदभाव करने पर विश्व व्यापार संगठन के मंच पर चीन के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। ईयू का कहना है कि चीन के झगड़े से अन्य देशों का निर्यात भी प्रभावित हो रहा है।
ब्रुसेल्स, एपी। यूरोपीय संघ (European Union) ने कहा कि उसने लिथुआनिया से भेदभाव करने पर विश्व व्यापार संगठन के मंच पर चीन के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। ईयू (European Union, EU) का कहना है कि इस बाल्टिक देश के साथ चीन के झगड़े से अन्य देशों का निर्यात भी प्रभावित हो रहा है।
दरअसल, लिथुआनिया ने चीन के साथ कूटनीतिक परंपरा को तोड़ते हुए ताइवान में अपना कार्यालय चीनी ताइपे के बजाय ताइवान नाम से खोला है। ताइपे के विलयुनेस स्थित इस ताइवानी कार्यालय को चीन अपने साथ विश्वासघात के रूप में देखता है। चूंकि वह ताइवान को अलग देश के बजाय अपना अभिन्न अंग मानता है।
नाराज चीन ने लिथुआनिया के राजदूत को बर्खास्त कर दिया है और अपने राजदूत भी वहां से वापस बुला लिया है। पिछले महीने लिथुआनिया ने चीन की राजधानी में अपने दूतावास को बंद कर दिया था। तनाव बढ़ने के बाद लिथुआनिया ने चीन पर आरोप लगाया कि उसने व्यापारिक वस्तुओं को चीन की सीमा पर ही रोक दिया है। इसलिए इस मुद्दे को यूरोपीय संघ अब विश्व व्यापार संगठन के समक्ष उठा रहा है।
यूरोपीय संघ के कार्यकारी उपाध्यक्ष वाल्दिस डोम्ब्रोवकिस ने कहा कि डब्ल्यूटीओ में किसी मामले को ले जाने को हम मामूली नहीं समझते हैं। बार-बार की कोशिशों के बावजूद यह मसला द्विपक्षीय स्तर पर नहीं सुलझ पाया है। इसलिए इस मामले को अब डब्ल्यूटीओ के पास ले जाने के सिवाय कोई और रास्ता नहीं बचा है।