Move to Jagran APP

Sri Lanka Fuel Crisis: श्रीलंका में बिगड़े हालात, केवल पांच दिन का ही बचा तेल, भारत पर टिकी नजरें

श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री ने गुरुवार को बताया कि देश में अब लगभग पांच दिनों का ही ईंधन स्‍टाक बचा है। श्रीलंका ईंधन के लिए 500 मिलियन डालर की नई क्रेडिट लाइन के लिए भारत सरकार की मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 16 Jun 2022 05:10 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jun 2022 05:26 PM (IST)
Sri Lanka Fuel Crisis: श्रीलंका में बिगड़े हालात, केवल पांच दिन का ही बचा तेल, भारत पर टिकी नजरें
श्रीलंका में हालात बेहद खराब हो गए हैं।

कोलंबो, रायटर। श्रीलंका में हालात बेहद खराब हो गए हैं। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री ने गुरुवार को बताया कि देश में अब लगभग पांच दिनों का ही ईंधन स्‍टाक बचा है। श्रीलंका ईंधन के लिए 500 मिलियन डालर की नई क्रेडिट लाइन के लिए भारत सरकार की मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहा है। श्रीलंका सात दशकों में अपने सबसे खराब वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर रिकार्ड निचले स्तर पर आ गया है।

loksabha election banner

श्रीलंका में भोजन, दवा और ईंधन समेत जरूरी आयात के भुगतान के लिए बचा-खुचा विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से खत्‍म हो रहा है। देशभर में गैस स्टेशनों पर किलोमीटर तक लंबी लाइन लगी हुई है। इसको लेकर छिटपुट विरोध प्रदर्शन हुए हैं। आलम यह है कि वाहन मालिकों को पेट्रोल और डीजल के लिए रातभर इंतजार करना पड़ रहा हैं। देश में ईंधन का जो स्‍टाक है उसे कुछ उद्योगों और जरूरी सेवाओं के लिए ही उपलब्ध कराया जा रहा है।

ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने कहा कि श्रीलंका आपूर्तिकर्ताओं को 725 मिलियन डालर का भुगतान करने में असमर्थ है। सरकार 21 जून तक डीजल और पेट्रोल के मौजूदा स्‍टाक का प्रबंधन करने के लिए काम कर रही है। श्रीलंका बेलआउट पैकेज के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आइएमएफ के साथ भी बातचीत कर रहा है। 20 जून को आइएमएफ के एक प्रतिनिधिमंडल के श्रीलंका पहुंचने की उम्मीद है।

हाल ही में अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट की विदेश संबंध समिति ने क्वाड के सदस्य देशों से श्रीलंका के राजनीतिक एवं आर्थिक संकट से निपटने में 'अधिक सक्रिय भूमिका' निभाने की अपील थी। समिति ने द्वीपीय देश को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए भारत की सराहना की। अमेरिका, भारत, आस्ट्रेलिया और जापान क्वाड के सदस्य देश हैं। समिति के अध्यक्ष सीनेटर बाब मेनेंडेज ने एक पत्र में लिखा था कि श्रीलंका के राजनीतिक और आर्थिक संकट से निपटने के लिए चार देशों के संगठन को 'अधिक अग्रसक्रिय भूमिका' निभानी चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.