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China Coastal Ecosystem: चीन के उच्चतम विकास के बाद भी तटीय पारिस्थितिकी तंत्र की हालत हुई खराब

उच्च विकास के पीछे भागता चीन अपनी खराब पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर खासा परेशान है। चीन के पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि अधिकांश समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के हालात विकास के सुधारों के बावजूद भी खराब हैं।

By Deepak YadavEdited By: Published: Thu, 23 Jun 2022 03:27 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jun 2022 03:27 PM (IST)
China Coastal Ecosystem: चीन के उच्चतम विकास के बाद भी तटीय पारिस्थितिकी तंत्र की हालत हुई खराब
फाइल फोटो: उच्चतम विकास के बाद भी चीन के अधिकांश समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की हालत खराब

शंघाई, रायटर्स। चीन के अधिकांश समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र हाल ही में हुए सुधारों के बावजूद भी खराब स्थिति में हैं। गुरूवार को चीन के पर्यावरण मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि तटीय जल को बेहतर, संरक्षित और निगरानी करने की जरूरत है। समुद्री पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्रालय विभाग के उप निदेशक झांग झिफेंग ने कहा, 'अधिकांश समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र जिनकी बराबर निगरानी की जाती वे अभी भी बुरी स्थिति में हैं।'

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15 तटीय बुनियादी ढाचों को निर्मित किया गया

चीन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि तटीय क्षेत्रों में हुए उच्च विकास ने पर्यावरण का बहुत नुकसान किया है। वहीं प्रदूषण और आवासों के मलवे की स्थिति भी नियंत्रण में नही है। चीन ने इससे पहले भी बड़े स्तर पर अपने समुद्र तट को बहाल करने की व्यवस्था पर बात की है। वहीं झांग ने कहा कि चीन ने इस साल 9.98 अरब डालर के निवेश के साथ 15 तटीय बुनियादी ढाचों को निर्मित करने के लिए मंजूरी दी है। बता दें कि 378 ऐसे परमिट भी जारी किए हैं जो उद्यमों को समुद्र में कचरा डंप करने की अनुमति देता है।

चीन के सामने है बड़ी चुनौती

झांग ने कहा कि हाल के वर्षों में चीन की समुद्री जैव विविधता में सुधार देखने को मिला है, जहां लगभग 30 फीसद तटीय जल और देश के महाद्वीपीय समुद्र तट का 37 फीसद हिस्सा है जो रेड लाइन योजना के अंतर्गत आता है, जिसे बर्बाद होने से बचाना है। चीन ने 2011 में पारिथितिकी संरक्षण के लिए रेड लाइन प्रणाली की शुरूआत की है, जिसका काम प्राकृतिक जंगलों, नदियों, आद्रभूमि और अन्य कमजोर पारिस्थितिकी तंत्रों के नक्शे तैयार करना है। रेड लाइन प्रणाली के तहत पारिस्थितिकी को उच्च विकास से संरक्षित किया जाता है। इस तरह से चीन का लगभग 25 फीसद हिस्सा इस योजना के अंतर्गत है, मगर वैश्विक स्तर पर दबाव के चलते चीन को 2030 तक 30 फीसद भूमि को सुरक्षित करनी होगी।

 साल 2020 के बाद के वैश्विक जैव विविधता समझौते की वार्ता के दौरान लक्ष्य पर चर्चा की जानी थी। वार्ता दक्षिण-पूर्व चीन के कुनमिंग में होने वाली थी लेकिन चीन में कोरोना के बढ़ते मामलों के देखते हुए इसे मांट्रियल कर दिया गया है।


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