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Sri Lanka Crisis: त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे पर कड़ी सुरक्षा में महिंदा राजपक्षे, देशभर में कर्फ्यू; कई नेताओं की सम्पत्तियां आग के हवाले

श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि देश में स्थिति सामान्य होने पर पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को किसी दूसरे स्थान पर ले जाया जाएगा जहां उनकी इच्‍छा होगी। श्रीलंका में हालात बेहद खराब है जिसके चलते सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाल लिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 11 May 2022 05:51 PM (IST)Updated: Wed, 11 May 2022 06:41 PM (IST)
Sri Lanka Crisis: त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे पर कड़ी सुरक्षा में महिंदा राजपक्षे, देशभर में कर्फ्यू; कई नेताओं की सम्पत्तियां आग के हवाले
कोलंबो में कर्फ्यू के दौरान श्रीलंकाई सेना के जवान (AP Photo)

कोलंबो, एएनआइ। श्रीलंका के पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Prime Minister Mahinda Rajapaksa) को सुरक्षा कारणों से त्रिंकोमाली नौसैनिक अड्डे पर ले जाया गया। उनके चारो ओर कड़ी सुरक्षा का घेरा है। श्रीलंका के रक्षा सचिव कमल गुणरत्‍ने ने कहा कि देश में स्थिति सामान्य होने पर पूर्व प्रधानमंत्री (Mahinda Rajapaksa) को किसी दूसरे स्थान पर ले जाया जाएगा जहां उनकी इच्‍छा होगी। तब तक वह वहीं बने रह सकते हैं। महिंदा राजपक्षे पूर्व राष्ट्रपति भी हैं। 

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आर्थिक संकट के चलते हालात बेहद खराब

मालूम हो कि बीते सोमवार को महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। श्रीलंका में आर्थिक संकट के चलते हालात बेहद खराब हैं। देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक दिनों दिन बिगड़ते हालात के चलते 76 वर्षीय महिंदा रजपक्षे को सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। हाल के दिनों में महिंदा राजपक्षे के समर्थकों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमले किए थे।

चीन की पैनी नजर 

तेजी से बिगड़ते हालात को देखते हुए अधिकारियों ने देशभर में कर्फ्यू लगा दिया था। राष्‍ट्रीय राजधानी कोलंबो में भी सेना तैनात कर दी गई थी। झड़पों में अब तक कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है। वहीं 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यही नहीं सत्ताधारी पार्टी के कई नेताओं की संपत्तियों को भी प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया है। इस बीच चीन ने कहा है कि वह श्रीलंका में हिंसक घटनाओं पर करीब से नजर रख रहा है।

चीन ने अपने ना‍गरिकों को किया आगाह 

इसके साथ ही चीन ने श्रीलंका में काम कर रहे अपने नागरिकों से कहा है कि सतर्क रहे और खतरों से खुद को बचाएं। वहीं राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे विपक्षी नेताओं से मिलना चाहते हैं लेकिन हजारों प्रदर्शनकारी उन्हें भी हटने के लिए कह रहे हैं। सरकार के समर्थक और विरोधी जिस तरह आपस में भिड़ रहे हैं उससे लगता नहीं है कि श्रीलंका के हालात आसानी से सुधर सकेंगे।


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