Move to Jagran APP

Covid-19: चीन की सच्चाई दिखाने पर गायब हुए पत्रकार, अब जब मिले तो क्या पता चला? पढ़ें

चीन में कोरोना वायरस के कारण मौजूदा हाल को दिखाने वाले तीन पत्रकारों को गायब करा दिया गया। अब जब मिले तो बताई सारी बात। पढ़ें

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2020 03:45 PM (IST)Updated: Thu, 23 Apr 2020 03:45 PM (IST)
Covid-19: चीन की सच्चाई दिखाने पर गायब हुए पत्रकार, अब जब मिले तो क्या पता चला? पढ़ें
Covid-19: चीन की सच्चाई दिखाने पर गायब हुए पत्रकार, अब जब मिले तो क्या पता चला? पढ़ें

बीजिंग, रॉयटर्स। एक चीनी पत्रकार जो वुहान शहर में कोरोना वायरस स्थिति के बारे में जानकारी देता एक वीडियो पोस्ट करता है, लगभग दो महीने तक लापता रहने के बाद अब फिर से उसका पता चलता है। जहां दोबारा वह पत्रकार एक यूट्यूब वीडियो पोस्ट करते हुआ कह रहा है कि उसे जबरन क्वारंटाइन कर दिया गया था। 25 साल का ली ज़हुआ, तीन नागरिक पत्रकारों में से एक था, जो वुहान से लापता हो गए थे।

loksabha election banner

20 फरवरी को प्रकाशित एक वीडियो में दिखाया गया था कि अस्थायी तौर पर पोर्टर्स (कुली, लगेज उठाने वाले लोग) को उन लोगों की लाशों को ले जाने के लिए काम पर रखा गया है, जो कोरोना वायरस से मर चुके हैं। इस वीडियो को YouTube पर 850,000 बार देखा गया था। हालांकि, यह प्लेटफार्म चीन में बैन है।

कुछ दिनों बाद ली ज़हुआ ने अपने घर की एक और वीडियो जारी की, जिसमें उनके घर आ रही पुलिस का लाइव वीडियो फुटेज था। हालांकि, तब से ही वह गायब था, उसका कुछ पता नहीं था लेकिन फिर अचानक उसका नया वीडियो बुधवार को पोस्ट हुआ।

अन्य दो नागरिक पत्रकारों की बात करें तो इनका नाम चेन क्यूशी और फांग बिन है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इन्होंने अस्पतालों की बुरी हालत और लाशों के लिए एक मिनीबस की फुटेज पोस्ट की थी। हालांकि, चीनी अधिकारियों ने तीनों में से किसी पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की।

अमेरिकी कांग्रेस के जिम बैंक्स ने 31 मार्च को अमेरिकी विदेश विभाग को फोन करके चीन से तीनों के लापता होने की जांच करने का आग्रह किया था। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने उस समय बैंक्स के आह्वान को खारिज कर दिया।

बुधवार को पोस्ट किए गए अपने नए वीडियो में ली ने कहा कि पुलिस उसे 26 फरवरी को वुहान में अपने अपार्टमेंट से ले गई और सार्वजनिक आदेश का पालन ना करने के जुर्म में एक पुलिस स्टेशन में उससे पूछताछ की। उन्होंने कहा कि लगभग 24 घंटे के बाद, पुलिस स्टेशन प्रमुख ने उनसे कहा कि उन्हें आरोपित नहीं माना गया, लेकिन उन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा क्योंकि वह श्मशान जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में रहे थे।

ली ने कहा कि उन्हें 14 मार्च तक एक होटल में क्वारंटाइन कर दिया गया और मुझे अपने गृहनगर भेज दिया गया, जहां उन्हें 14 दिनों के लिए और क्वारंटाइन किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनसे क्वारंटाइन के दौरान अपने सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी जमा कराने को कहा था। 

बता दें कि कोरोना वायरस के चीन में 82798 मामले सामने आए हैं और अब तक 4632 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। इस जानलेवा वायरस की चपेट में पूरी दुनिया के करीब 2646462 लोग अब तक आ चुके हैं। वहीं इसकी वजह से 184353 मरीजों की जान चली गई है और 723734 मरीज ठीक भी हुए हैं। हर रोज पूरी दुनिया में हजारों की तादाद में इसके मरीज बढ़ रहे हैं। वहीं अब तक इसकी वैक्‍सीन न बन पाने की वजह से भी इनकी संख्‍या लगातार बढ़ रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.