चीन के हर सेक्टर को किसी न किसी तरह से नुकसान पहुंचाएगा कोरोना वायरस, बिगड़ेगी अर्थव्यवस्था
चीन में कोरोना वायरस की वजह से लगभग सभी सेक्टरों पर असर पड़ना तय है। ये भी कहा जा रहा है कि इससे चीन की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। इन दिनों चीन एक नए वायरस के साथ संघर्ष कर रहा है, इससे अब तक 80 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस वायरस की वजह से चीन की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ना तय है। वायरस से चीन की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ना तय है और आर्थिक नुकसान से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। आइए जानते हैं इस वायरस से फिलहाल चीन में किन-किन सेक्टरों पर असर पड़ने वाला है।
चीन के लिए ये एक गंभीर मुद्दा
अब चीन के लिए कोरोना वायरस एक गंभीर मुद्दा हो गया है। ये माना जा रहा है कि इससे चीन की अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे चीन के लिए एक आपातकालीन स्थिति कहा है। हालांकि, अभी दुनिया के लिए किसी और देश के लिए ऐसी कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। जानकारों का कहना है कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि इसके गंभीर नतीजे कुछ माह में सामने आ जाएंगे। चूंकि कोरोना वायरस का प्रसार अभी शुरुआती दौर में है इसलिए चीन के आर्थिक मामलों के जानकार फिलहाल कोई आंकड़ा देने की स्थिति में नहीं हैं।
पर्यटन व्यवसाय
ये पहला मौका नहीं है जब चीन में इस तरह से किसी वायरस के दुनियाभर में चिंता हुई है। अमेरिका, पाकिस्तान, भारत जैसे देशों के नागरिक चीन में रह रहे हैं, अब ये सभी वहां से वापसी कर रहे हैं। यदि इससे पहले इस तरह के वायरसों से हुए नुकसान से तुलना करें तो कुछ अंदाजा ही लगाया जा सकता है। साल 2002-03 के दौरान चीन में सार्स की महामारी फैली थी और इसकी शुरुआत भी चीन में हुई थी, उस दौरान भी चीन को काफी नुकसान हुआ था।
चीनी नए वर्ष पर लाखों की संख्या में पहुंचते हैं पर्यटक
इन दिनों चीनी नए वर्ष का समय चल रहा है। ऐसे में दुनियाभर के कोने से लाखों की संख्या में पर्यटक वहां होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए पहुंचते हैं। मगर इन दिनों चीन में कुछ इलाकों में यात्रा प्रतिबंध लागू है। ऐसे में वो वहां जा ही नहीं सकते हैं। इसके अलावा जब से कोरोना वायरस के बारे में दुनिया भर में बात फैली है तो चीन में रहने वाले लोग भी वहां से वापसी दूसरे देशों के लिए निकल चुके हैं। इस वजह से चीन के पर्यटक उद्योग को भी नुकसान हो रहा है।
मनोरंजन सेक्टर
कोरोना वायरस से मनोरंजन सेक्टर पर भी असर पड़ना तय है। जब से ये वायरस फैला है उसके बाद से लोग घर से बाहर जाकर ऐसी किसी गतिविधि में हिस्सा लेने से बच रहे हैं। जिससे वो भी इस वायरस के संक्रमण में न आ जाएं। लोग अपने घरों में ही रहना पसंद कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी ऐसी एडवाइजरी जारी की गई है कि लोग अपने घरों में ही रहें जिससे वो इस वायरस की चपेट में आने से बच सकेंगे।
ट्रांसपोर्ट को नुकसान
आपको बता दें कि कोरोना वायरस का प्रसार जिस वुहान शहर से हुआ है वो चीन का एक अहम ट्रांसपोर्ट हब है। ऐसे में यहां पर लोगों का आना-जाना एकदम से कम हो गया है। प्रतिबंध भी लगा दिया गया है। किसी भी ऐसे कारोबार के लिए जहां लोगों और वस्तुओं के आवागमन की ज़रूरत पड़ती हो, यात्रा प्रतिबंध एक बड़ी समस्या होती है। इससे इंडस्ट्री के सप्लाई चेन पर पर असर पड़ता है, कुछ चीजों की डिलीवरी में बाधा आती है और कुछ चीजें ज्यादा महंगी हो जाती हैं। यदि वहां के रहने वाले लोग काम के लिए घर से बाहर निकलकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल न करें तो तो इससे कारोबार का नुकसान अलग से होता है।
मेडिकल सेक्टर
कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के इलाज में होने वाला खर्च का भार सरकारी और निजी क्षेत्र की स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को वहन करना पड़ेगा। फिलहाल 80 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों की संख्या में लोग इससे संक्रमित हैं। इन सभी का इलाज और मुआवजा भी इन्हीं इंश्योरेंस कंपनियों को भुगतना पड़ेगा। अगर ये महामारी कहीं और फैलती है तो इसका थोड़ा असर होना तय है। अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस का प्रभाव काफी कुछ इस बात पर भी निर्भर करता है कि ये वायरस कितनी आसानी से फैल सकता है और इससे संक्रमित होने वाले लोगों की मौत की आशंका किस हद तक है।
शेयर बाजार पर असर
कोरोना वायरस का असर चीन के शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। फिलहाल अभी हालात चिंताजनक नहीं हैं मगर आने वाले समय में इस पर असर पड़ने से किसी भी तरह से इनकार नहीं किया जा सकता है। यदि मौतों के आंकड़े में बढ़ोत्तरी हुई तो शेयर बाजार इसके नुकसान से अछूता नहीं रहेगा।
सर्जिकल मास्क और दस्ताने की रिकॉर्ड बिक्री
चीन में जब से कोरोना वायरस के बचाव के लिए सर्जिकल मास्क और दस्ताने पहनने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं उसके बाद यहां इन दोनों की बिक्री में अचानक से बढ़ोतरी हो गई है। इन दोनों चीजों को बनाने वाली कंपनियों को इससे काफी मुनाफा हो रहा है। वो इनका अलग से उत्पादन करने में जुट गई हैं।
सार्स महामारी के समय हुआ था 40 अरब डॉलर का नुकसान
चीन में जब सार्स महामारी का प्रकोप फैला था, उस समय वैश्विक अर्थव्यवस्था को 40 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था। फिलहाल कई अर्थशास्त्री, कंसल्टेंसी फर्में और चीन की अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाले लोग कोरोना वायरस से होने वाले नुकसान का आकलन करने में लगे हुए हैं।