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कोरोना ने पहुंचाई शी चिनफिंग की प्रतिष्ठा को चोट, अब भरपाई में जुटी सरकार की प्रचार मशीनरी

कोरोना वायरस ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की प्रतिष्ठा को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। अब सरकार की प्रचार मशीनरी इसकी भरपाई में जुट गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 09:37 PM (IST)
कोरोना ने पहुंचाई शी चिनफिंग की प्रतिष्ठा को चोट, अब भरपाई में जुटी सरकार की प्रचार मशीनरी
कोरोना ने पहुंचाई शी चिनफिंग की प्रतिष्ठा को चोट, अब भरपाई में जुटी सरकार की प्रचार मशीनरी

हांगकांग, एएनआइ। कोरोना महामारी से चीन में तीन हजार से ज्यादा लोगों की जान ही नहीं गई बल्कि इसने चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और उसके चेयरमैन राष्ट्रपति शी चिनफिंग की प्रतिष्ठा को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। अब पार्टी की प्रचार मशीनरी इससे हुए नुकसान की भरपाई में लग गई है। खास बात यह है कि इसके लिए वह फेसबुक और ट्विटर जैसे माध्यमों का उपयोग कर रही है, जो चीन में प्रतिबंधित हैं।

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महामारी से ठीक से नहीं निपटना बनी वजह 

कैनबरा स्थित एक गैर लाभकारी रिसर्च आर्गेनाइजेशन 'चाइना पॉलिसी सेंटर' के निदेशक एडम नी ने बताया कि महामारी से ठीक तरह से निपट नहीं पाने के चलते चिनफिंग की छवि धूमिल हुई है। पिछले बारह महीनों के दौरान चिनफिंग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, इसमें धीमी अर्थव्यवस्था सहित हांगकांग और अमेरिका-चीन संबंध जैसे मुद्दे शामिल हैं। अभी तक तो चीन का मीडिया बिना सोचे-समझे चिनफिंग और कम्युनिस्ट पार्टी के पक्ष में खड़ा होता रहा है, लेकिन इस महामारी के बाद उस पर भी दबाव बढ़ा है। 

बताया था अमेरिकी साजिश 

माओत्से तुंग के समय इसे जुबानी युद्ध कहा जाता था, लेकिन आज के दौर में यह पश्चिमी मीडिया प्लेटफार्म पर लड़ा जा रहा है। इसीलिए पश्चिमी देशों के मीडिया प्लेटफार्म पर चल रही खबरों से निपटने के लिए चीनी राजनयिक, मंत्री और सरकारी विभाग के प्रवक्ता हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। महामारी के नियंत्रण में चीन की भूमिका से जुड़े कई पोस्ट और लेखों के लिए ये लोग फेसबुक और ट्विटर का व्यापक रूप से उपयोग कर रहे हैं। इसके पीछे का एकमात्र उद्देश्य यह है कि वुहान में कोरोना के प्रकोप के लिए किसी दूसरे पर दोष मढ़ा जा सके। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिजियन झाओ ने ट्वीट कर महामारी फैलने को अमेरिकी साजिश बताया था।

सूचनाओं को दबाने की कोशिश 

एडम ने कहा, महामारी के प्रकाश में आने के बाद चीन के अधिकारियों का पहला प्रयास सूचनाओं को दबाना था। लेकिन जब वह इसमें सफल नहीं हुए तो रिकॉर्ड समय में अस्पताल बनाने और लॉकडाउन जैसे फैसलों को प्रचारित करना शुरू किया। चीन के अधिकारी शुरुआती दौर में जिस तरह से महामारी से निपटे, उससे लोगों में गहरी निराशा थी, लेकिन बाद में किए गए उपायों ने इन कमियों को पूरा कर दिया। कम्युनिस्ट पार्टी अब महामारी से निपटने में अपनी उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

वुहान में खुली दुकानें

चीन में कोरोना प्रकोप के केंद्र वुहान में सोमवार को दुकानें भले ही खुल गई हों, लेकिन उपभोक्ता बुरी तरह डरे हुए हैं। दुकानों में ग्राहकों को प्रवेश देने के नियम निर्धारित किए गए हैं। सैनिटाइजर से उनके हाथ धुलाने सहित दुकानदारों को उनके शरीर का तापमान भी लेना होगा। वुहान में बस और सब-वे सेवा पहले ही शुरू हो चुकी है।


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