चीन में नहीं टला कोरोना संकट, बिन लक्षण वाले 1541 रोगी; संक्रमण के भी कई नए मामले आए सामने
चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन (एनएचसी) ने बुधवार को कहा कि सोमवार के अंत तक बिना लक्षण वाले 1541 रोगियों को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया।
बीजिंग, एजेंसियां। चीन में बिना लक्षण वाले 1,541 कोरोना रोगियों का पता चला है। दूसरे दौर के संक्रमण से बचने के लिए इन रोगियों की सूची खुद नेशनल हेल्थ कमीशन ने जारी की है। चीन में संक्रमण के 35 नए मामले भी सामने आए हैं। स्थानीय संक्रमण के एक मामले को छोड़ दें तो इनमें वे लोग शामिल हैं जो विदेश से आए हैं। एक दिन पहले संक्रमण के 48 मामले आए थे। दूसरे देशों से आने वाले संक्रमण के कुल मामले 806 हो गए हैं। देश में महामारी से सात और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 3,312 हो गई है। जबकि संक्रमित व्यक्तियों का आंकड़ा 81,544 पर पहुंच गया है।
फरवरी के अंत तक चीन में 43 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित
चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन (एनएचसी) ने बुधवार को कहा कि सोमवार के अंत तक बिना लक्षण वाले 1,541 रोगियों को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया। इसमें से 205 वे लोग हैं जो विदेश से चीन आए हैं। खास बात यह है कि जिन रोगियों में लक्षण नहीं दिखाई दिए, उनकी संख्या को विदेश में संक्रमित व्यक्तियों की सूची में शामिल किया गया है। हालांकि हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि फरवरी के अंत तक चीन में 43 हजार से ज्यादा लोगों का टेस्ट पॉजिटिव आया था, लेकिन उनमें लक्षण नहीं दिखाई दिए थे। कोई अधिकारी इस बात का जवाब देने को तैयार नहीं है कि संक्रमित लोगों की सूची में इन्हें क्यों नहीं शामिल किया गया।
अन्य लोगों में संक्रमण की बन सकते हैं वजह
एनएचसी के रोग नियंत्रण ब्यूरो के प्रमुख ने कहा कि चीन अब ऐसे रोगियों की सूची प्रकाशित करेगा, जिनमें किसी प्रकार का लक्षण नहीं दिखाई दे रहा है। उसे चिंता है कि ये लोग अन्य लोगों में संक्रमण की वजह बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिन मरीजों में लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं उन्हें और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को 14 दिनों तक आइसोलेशन में रखा जाएगा। ऐसे लोगों को तब तक नहीं छोड़ा जाएगा, जब तक उनकी दो बार रिपोर्ट निगेटिव नहीं आ जाती। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बिना खांसी या छींक वाले कोरोना रोगियों से संक्रमण का खतरा कम होता है। अपुष्ट सूत्रों से यह भी खबर मिली है कि चीन वायरस से लड़ने में मददगार एंटीबॉडी का शरीर में पता लगाने के लिए बड़े पैमाने पर सीरोलॉजिकल टेस्ट की योजना बना रहा है।