Move to Jagran APP

कितनी साफ-सुथरी है आपके घर के अंदर की हवा, पता लगाएगा ये खास डिवाइस

चीन की एक कंपनी ने ऐसी लेजर डिवाइस विकसित की है, जो प्रदूषण से लड़ने में मददगार साबित होगी। इसके जरिये कमरों में रीयल टाइम में हवा के गुणवत्ता स्तर का पता लगाया जा सकेगा।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 01:34 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 07:46 PM (IST)
कितनी साफ-सुथरी है आपके घर के अंदर की हवा, पता लगाएगा ये खास डिवाइस
कितनी साफ-सुथरी है आपके घर के अंदर की हवा, पता लगाएगा ये खास डिवाइस

बीजिंग। चीन की एक कंपनी ने ऐसी लेजर डिवाइस विकसित की है, जो प्रदूषण से लड़ने में मददगार साबित होगी। इसके जरिये कमरों में रीयल टाइम में हवा के गुणवत्ता स्तर का पता लगाया जा सकेगा। इससे समय रहते उचित कदम उठाने में मदद मिलेगी। इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि कंपनी ने इसे भारत की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया है, जो प्रदूषण से बहुत अधिक जूझ रहा है। इस निगरानी उपकरण को सेंसेज नाम दिया गया है।

loksabha election banner

कंपनी का कहना है कि इसके जरिये आवासीय और व्यावसायिक दोनों तरह के भवनों के भीतर हवा की गुणवत्ता को सटीकता से मापा जा सकता है और उसमें सुधार की दिशा में उचित कदम उठाए जा सकते हैं। उपकरण तैयार करने वाली कंपनी काईतेरा के सह-संस्थापक लिआम बैटेस के मुताबिक, भारत में हवा की गुणवत्ता के प्रति चिंता लगातार बढ़ रही है। ऐसे में स्वास्थ्यकर भवनों में निवेश करने की तुरंत आवश्यकता है क्योंकि लोग अपना ज्यादातर समय घरों या ऑफिसों के भीतर बिताते हैं।

क्या-क्या पता करेगा : कंपनी

के मुताबिक, सेंसेज पीएम 2.5, कार्बन डाईऑक्साइड, कुल अस्थिर कार्बनिक यौगिक (टोटल वोलेटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड (टीवीओसी)), तापमान और आद्र्रता का रीयल-टाइम में पता लगाएगा। बैटेस कहते हैं, रीयल टाइम में वायु की गुणवत्ता का पता लगाने के कारण सेंसेज अपने उपयोगकर्ताओं को स्वस्थ निर्णय लेने में मदद करेगा। इस उपकरण में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन भी किया गया है ताकि सुरक्षित रूप से डाटा ट्रांसफर किया जा सके।

क्या कहते हैं आंकड़े

मई में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें सामने आया था कि वर्ष 2016 में पार्टिकुलैट मैटर (पीएम2.5) के आधार पर दुनिया भर के शीर्ष 20 प्रदूषित शहरों में 14 शहर भारत के थे। न केवल यह रिपोर्ट, बल्कि बीते कुछ वर्षों की सर्दियों में दिल्ली व एनसीआर क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता का स्तर बता रहा है कि स्थिति लगातार बिगड़ रही है। घरों से बाहर सांस लेने में भी दिक्कत होती है। मास्क की बिक्री एकदम से बढ़ जाती है। बाहर प्रदूषण के इस भयानक स्तर का असर घरों और ऑफिसों के अंदर भी देखने को मिलता है। ऐसे में यह नया उपकरण उपयोगी साबित हो सकता है।

जागरूकता की जरूरत

काईतेरा इंडिया की सीईओ नीता सोन्स कहती हैं, सेंसेज को भारत में लाना सिर्फ एक शुरुआत है। अभी लोगों में प्रदूषण के प्रति जागरूकता लाने की बहुत जरूरत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.