चीन की सेना अब सिर्फ 'जंग' के मैदान में ही आएगी नजर!
फंड की कमी के कारण चीनी सेना ने 1970 के दशक में वाणिज्यिक गतिविधियों में शामिल होना शुरू किया था।
बीजिंग, एजेंसी। चीन की सेना अब सिर्फ 'जंग' के मैदान में ही नजर आएगी। जी हां, राष्ट्रपति शी चिनफिंग चीन की सेना विश्व की नंबर 'वन आर्मी' बनाना चाहते हैं। इसलिए चीन आर्मी प्रमुख चाहते हैं कि सेना सिर्फ युद्ध के लिए खुद को तैयार करे, कमर्शियल एक्टिविटीज में उसका वक्त बर्बाद ना हो।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सेना को सभी तरह की भुगतान सेवा गतिविधियों का अंत करने का आदेश दिया है। साथ ही कमांडर-इन-चीफ को 2050 तक विश्व स्तरीय 'युद्ध बल' बनाने का प्रयास करते हुए युद्ध की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया है। इसका मतलब यह है कि चीन की सेना अब व्यावसायिक गतिविधियों के लिए 'पेड सर्विस' नहीं देगी।
दरअसल, चिनफिंग ने तीन साल पहले आश्वासन दिया था कि वह सेना को सिर्फ युद्ध के लिए इस्तेमाल करेंगे। इस आश्वासन को पूरा करते हुए उन्होंने सशस्त्र सेवाओं को निर्देश दिया कि साल के अंत तक सभी व्यावसायिक गतिविधियों को रोक दें। एशियाई टाइम्स ने चीनी सशस्त्र सेवाओं के मुख्य समाचार पत्र पीएलए डेली का हवाला देते हुए कहा कि चिनफिंग ने उन प्रथाओं को समाप्त करने के लिए कहा है, जिन्होंने सैनिकों और अधिकारियों को 'किराया पर उपलब्ध' बनने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस कदम का उद्देश्य युद्ध की तैयारी और लड़ाई क्षमता को मजबूत करने के लिए केंद्रित प्रयासों के माध्यम से इसे 'युद्ध तैयारी' के अपने मुख्य मिशन पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देकर सेना में सुधार करना है।
चिनफिंग का मानना है कि 'पेड सर्विस' बंद होने से सेना में फैले भ्रष्टाचार में भी कमी आएगी। बता दें कि फंड की कमी के कारण चीनी सेना ने 1970 के दशक में वाणिज्यिक गतिविधियों में शामिल होना शुरू किया था। इससे सेना की आर्थिक स्थिति को सुधारने में कुछ मदद मिली थी।